विदेश मंत्री ने फ़ारसी (Persian) को नौ क्लासिकल लैंग्वेजेज में शामिल करने की घोषणा की है
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने घोषणा की है कि भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत फ़ारसी (Persian) को भारत की नौ शास्त्रीय भाषाओं (classical languages) में से एक के रूप में नामित करने के लिए चुना है।
गौरतलब है कि 2004 में तमिल क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा प्राप्त करने वाली भारत की पहली भाषा थी। इसके बाद संस्कृत, कन्नड़, मलयालम, उड़िया, तेलुगु को भी क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा दिया गया।
क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित मानदंड पूरे करने होते हैं। ये मानदंड हैं:
- इसके प्रारंभिक ग्रंथों की अधिक प्राचीनता/1500-2000 वर्ष से अधिक की अवधि का दर्ज इतिहास;
- प्राचीन साहित्य/ग्रंथों का एक संग्रह, जिसे वक्ताओं की पीढ़ियों द्वारा एक मूल्यवान विरासत माना जाता है;
- साहित्यिक परंपरा मौलिक हो और किसी अन्य भाषा समुदाय से उधार न ली गई हो;
- शास्त्रीय भाषा और साहित्य आधुनिक से भिन्न हो, शास्त्रीय भाषा और उसके बाद के रूपों या उसकी शाखाओं के बीच निरंतरता नहीं भी हो सकती है।
भारत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर में विभिन्न क्लासिकल लैंग्वेजेज में अध्ययन के लिए सेंटर ऑफ एक्ससिलेन्स की स्थापना की है।