F414 इंजन निर्माण पर GE और HAL के बीच समझौता ज्ञापन

भारत और अमेरिका के बीच एक ऐतिहासिक सौदे में जनरल इलेक्ट्रिक (GE) एयरोस्पेस ने भारतीय वायु सेना के लिए फाइटर जेट “F414 इंजन” का उत्पादन करने के लिए 15 जून, 2023 को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।

समझौता के प्रमुख बिंदु

तेजस हल्के लड़ाकू विमान Mk2 के लिए देश में फाइटर जेट इंजन बनाने के लिए दुनिया की अग्रणी विमान इंजन विनिर्माता कंपनी के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

इस समझौता में अमेरिका से भारत को 80% प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (transfer of technology: ToT) शामिल होगा।

अनुमान है कि यह डील लगभग 1 बिलियन डॉलर की होगी और इसके परिणामस्वरूप नए फाइटर जेट में लगभग 75% स्वदेशी सामग्री होगी।

ToT 11 क्रिटिकल क्षेत्रों को कवर करेगा।

देश में जेट इंजनों के उत्पादन से LCA Mk2 में स्वदेशी सामग्री को बढ़ाने में मदद मिलेगी, जो भारतीय वायु सेना की भविष्य की लड़ाकू क्षमताओं का एक महत्वपूर्ण तत्व बनेगी क्योंकि भारत लगभग 130 ऐसे लड़ाकू जेट बनाने की योजना बना रहा है।

F414 इंजन समझौता का महत्व

चीन और पाकिस्तान के साथ दो मोर्चों पर युद्ध की आशंका भारत के सामने हमेशा बनी रहती है। ऐसे में देश को एक मजबूत वायु सेना की आवश्यकता है, जो इन दोनों देशों पर भारत के लिए महत्वपूर्ण बढ़त हो सकती है। लेकिन लड़ाकू विमानों के लिए भारत की दूसरे देशों पर निर्भरता उसकी सेना के लिए एक बड़ी बाधा है। भारत घरेलू स्तर पर लड़ाकू विमान बना सकता है, जैसा कि उसने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस Mk1 बनाकर साबित किया है, लेकिन वह खुद इंजन नहीं बना सकता और उसे आयात करना पड़ता है।

ऐसे में घर में ही (भारत में ही) इंजन बनाने संबंधी यह समझौता, भारत और अमेरिका के बीच सबसे महत्वपूर्ण रक्षा और प्रौद्योगिकी समझौता है।

30 से अधिक वर्षों से, अमेरिकी नौसेना F414 पावर पर निर्भर रही है। आज, F414 सबसे अधिक मांग वाले लड़ाकू अभियानों में अपनी सेवाएं देना जारी रखे हुआ है। इंजन हर दिन अपनी बहुमुखी प्रतिभा साबित कर रहा है क्योंकि यह दुनिया भर में सशस्त्र बलों के लिए अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमानों को पावर प्रदान करता रहता है। यह एडवांस, अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की बढ़ती संख्या के लिए पसंदीदा इंजन बन गया है।

F414 इंजन का उपयोग Boeing F/A-18E/F Super Hornet, Boeing E/A-18G Growler, Saab JAS 39E/F Gripen NG और दक्षिण कोरियाई KAI KF-21 Boramae जैसे कई अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को पावर देने के लिए किया जाता है। यह NASA के X-59 QueSST शांत सुपरसोनिक प्रौद्योगिकी अनुसंधान विमान को भी पावर प्रदान करता है।

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