Juice Mission: यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने “जुपिटर आइसी मून्स एक्सप्लोरर” यानी जूस (Juice) प्रक्षेपित किया

Image credit: ESA

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के जुपिटर आइसी मून्स एक्सप्लोरर यानी जूस (Jupiter Icy Moons Explorer: Juice) ने 14 अप्रैल, 2023 को फ्रेंच गुयाना में यूरोप के स्पेसपोर्ट से एरियन 5 रॉकेट से बृहस्पति/जुपिटर ग्रह के लिए उड़ान भरी।

प्रमुख तथ्य

यह सफल प्रक्षेपण विशाल ग्रह बृहस्पति के चारों ओर महासागरों की दुनिया के रहस्यों को उजागर करने के लिए एक महत्वाकांक्षी यात्रा की शुरुआत को चिह्नित करता है।

यह गैस के विशाल पिंड बृहस्पति और इसके तीन बड़े महासागरीय चंद्रमाओं – गेनीमेड, कैलिस्टो और यूरोपा (Ganymede, Callisto and Europa) का विस्तृत अवलोकन करेगा।

इसके पास आठ साल का क्रूज (2031) समय है जिसमें पृथ्वी और शुक्र के फ्लाईबाय शामिल हैं जो इसे बृहस्पति के पास ले जाते हैं। गैनीमेड की कक्षा में प्रवेश करने से पहले, यह बृहस्पति की परिक्रमा करते हुए तीन बड़े चंद्रमाओं के 35 चक्कर लगाएगा।

Juice, ESA के नेतृत्व वाला एक मिशन है जिसमें नासा, जाक्सा और इज़राइल अंतरिक्ष एजेंसी के योगदान भी शामिल हैं। यह ESA के कॉस्मिक विजन कार्यक्रम में पहला बड़ा वर्ग मिशन है।

बृहस्पति और गेनीमेड

खगोलविद गैलीलियो गैलीली ने 1610 में पहली बार एक दूरबीन के माध्यम से इस ग्रह का अवलोकन करते हुए और इसके परिक्रमा करने वाले चंद्रमाओं की खोज करते हुए बृहस्पति को प्रकाश में लाया। उनके अवलोकन ने लंबे समय से चले आ रहे इस विचार को उलट दिया कि आकाश में सब कुछ पृथ्वी के चारों ओर घूमता है।

Juice – जिसमें गैलीलियो की खोजों के सम्मान में एक स्मारक पट्टिका भी शामिल है – बृहस्पति और उसके चंद्रमाओं को इस तरह से देखेगा जैसा कि गैलीलियो ने सपने में भी नहीं सोचा होगा।

बृहस्पति के सबसे बड़े चंद्रमाओं में से तीन – यूरोपा, गेनीमेड और कैलिस्टो – पृथ्वी के महासागरों की तुलना में कहीं अधिक मात्रा में अपनी सतहों के नीचे जल की मात्रा दबाये हुए हैं।

ये ग्रह के आकार के चंद्रमा हमें आकर्षक संकेत देते हैं कि यहां जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियां मौजूद हो सकती हैं, और Juice हमें इस आकर्षक सवाल का उत्तर देने में मदद कर सकता है।

गेनीमेड-जूस मिशन का प्राथमिक वैज्ञानिक अध्ययन लक्ष्य

गेनीमेड, जो बुध ग्रह से भी बड़ा है, जूस मिशन का प्राथमिक वैज्ञानिक अध्ययन लक्ष्य है। यह मिशन लगभग नौ महीने इसकी कक्षा से इसे करीब से देखने में बिताएगा।

गेनीमेड में छिपे हुए महासागर के अलावा एक खास विशेषता है जो इसका अध्ययन महत्वपूर्ण बना देता है। यह सौर मंडल में अपना चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने वाला (generate its own magnetic field) एकमात्र चंद्रमा है। गैनीमेड के अलावा केवल दो अन्य ठोस पिंड – बुध ग्रह और पृथ्वी ग्रह भी अपना चुंबकीय क्षेत्र खुद उत्पन्न करते हैं।

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