नेट जीरो पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ समूह ने ग्रीनवाशिंग के प्रति सचेत किया है

मिस्र के शर्म अल शेख में आयोजित में COP 27 जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में नॉन-स्टेट संस्थाओं की नेट-जीरो उत्सर्जन प्रतिबद्धताओं पर संयुक्त राष्ट्र का नया उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समूह (High-Level Expert Group on Net-Zero Emissions Commitments of Non-State Entities) की रिपोर्ट जारी की गयी।

रिपोर्ट का उद्देश्य ग्रीनवाशिंग (Greenwashing) के बारे में लोगों को सचेत करना है। बता दें कि कंपनियों द्वारा अपने उत्पादों और ऑपरेशन्स के पर्यावरणीय प्रभाव पर जनता और शेयरधारकों को गुमराह करने को ग्रीनवाशिंग कहा जाता है।

कंपनियां प्रचार करती है कि उनके उत्पाद और ऑपरेशन्स पर्यावरण के अनुकूल हैं जबकि हकीकत यह है कि ये पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाले होते हैं।

8 नवंबर 2022 को रिपोर्ट के माध्यम से सिफारिशें पेश करते हुए, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कॉर्पोरेट ग्रीनवाशिंग पर तीखा हमला किया।

कनाडा की पूर्व पर्यावरण मंत्री कैथरीन मैककेना की अध्यक्षता में समूह की रिपोर्ट में पाया गया कि नॉन-स्टेट संस्थाओं द्वारा घोषित “अधिक नेट जीरो संकल्प’ खाली नारों और प्रचार से अधिक कुछ नहीं हैं”।

रिपोर्ट में नेट जीरो रणनीति के रूप में निरंतर उत्सर्जन को ऑफसेट करने के लिए सस्ते कार्बन क्रेडिट के उपयोग को भी खारिज की गयी है, और कंपनियों, वित्तीय संस्थानों, शहरों और क्षेत्रों को एकमुश्त उत्सर्जन पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गयी है न कि कार्बन इंटेंसिटी पर। प्रति यूनिट आउटपुट पर कितना कार्बन उत्सर्जित होता है, इसे कार्बन इंटेंसिटी कहते हैं।

विशेषज्ञ समूह की सिफारिशें

नॉन-स्टेट एक्टर्स नए जीवाश्म ईंधन की आपूर्ति का निर्माण या निवेश जारी रखते हुए नेट जीरो होने का दावा नहीं कर सकते।

नॉन-स्टेट एक्टर्स सस्ते कार्बन क्रेडिट नहीं खरीद सकते हैं जिसमें अक्सर ईमानदारी की कमी देखी जाती है। इसके बजाय उन्हें अपने समस्त वैल्यू चेन में उत्सर्जन में कटौती करनी होगी।

नॉन-स्टेट एक्टर्स अपने पूर्ण उत्सर्जन के बजाय अपने उत्सर्जन इंटेंसिटी को कम करने या अपने पूर्ण मूल्य श्रृंखला के बजाय अपने उत्सर्जन के केवल एक हिस्से से निपटने पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते हैं।

ग्रीनवाशिंग के उदाहरण

ग्रीनवाशिंग कंपनियों, संगठनों और यहां तक ​​कि कई देशों द्वारा अपनी सभी प्रकार की गतिविधियों को जलवायु-अनुकूल बताते हैं और इसके बारे में अक्सर संदिग्ध, अविश्वसनीय या भ्रामक दावे करते हैं।

पर्यावरण और प्रकृति के प्रति अपनी चिंता दर्शाने के लिए, वे अक्सर शॉर्ट-कट का सहारा लेते हैं, अविश्वसनीय प्रमाणपत्र प्राप्त करते हैं।

ग्रीनवॉशिंग पर्यावरणीय गतिविधियों की पूरी श्रृंखला में प्रचलित है। उदाहरण के लिए, विकसित देश अक्सर विकाशील देशों में ग्रीन एक्टिविटीज में निवेश कर अपने घर में पर्यावरण प्रतिकूल गतिविधियां संचालित करते रहते हैं जो ग्रीनवॉशिंग है

कई कंपनियां पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाली व्यावसायिक गतिविधियों को कहीं और चलाते हुए, ग्रीनपुरस्कार या हरित सम्मेलन प्रायोजित करके अपनी छवि को पर्यावरण हितैषी बनाने की कोशिश करते हैं।

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