धौलपुर-करौली में राजस्थान के पांचवें टाइगर रिजर्व को अंतिम मंजूरी दे दी गयी

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने धौलपुर-करौली (Dholpur-Karauli) में राजस्थान के पांचवें टाइगर रिजर्व को अंतिम मंजूरी दे दी है। यह देश का 54वां टाइगर रिजर्व है।

उत्तर प्रदेश में रानीपुर टाइगर रिजर्व देश का 53वां टाइगर रिजर्व है।

मंत्रालय ने राजस्थान में कुंभलगढ़ को भी टाइगर रिजर्व घोषित करने को भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।

रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बड़ी बिल्लियों की बढ़ती आबादी के साथ, राजस्थान राज्य वन विभाग ने धौलपुर-करौली को राजस्थान में पांचवां टाइगर रिजर्व विकसित करने का प्रस्ताव रखा था। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)  ने इस साल फरवरी में इसकी मंजूरी दे दी थी।

राजस्थान में अन्य चार टियर रिजर्व हैं – सवाई माधोपुर में रणथंभौर टाइगर रिजर्व, अलवर में सरिस्का टाइगर रिजर्व, कोटा में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और बूंदी में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, जिसे मई 2022 में जोड़ा गया था।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में बाघों की संख्या  2018 में 2,967 से बढ़कर 2022 में 3,682 हो गई, जो 6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि है।

पिछले चार वर्षों में 50 प्रतिशत की वृद्धि के साथ, मध्य प्रदेश में देश में बाघों की अधिकतम संख्या (785) है, इसके बाद कर्नाटक (563), उत्तराखंड (560), और महाराष्ट्र (444) हैं। राजस्थान में बाघों की संख्या 2006 में 32 से बढ़कर 2022 में 88 हो गई है।

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