पर्याप्त बायोमास को-फायरिंग नहीं करने वाले थर्मल प्लांट्स को दंडित किया जा सकता है
केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को ऐसे थर्मल पावर प्लांट (TPPs) को दंडित करने पर विचार करने का सुझाव दिया है जो उत्सर्जन को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं और बायोमास की पर्याप्त मात्रा में को-फायरिंग (co-firing) नहीं कर रहे हैं।
बायोमास को-फायरिंग-मुख्य कदम
4 अक्टूबर को जारी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के एक बयान के अनुसार, विद्युत् मंत्रालय बायोमास को-फायरिंग पर अपनी नीति का पालन नहीं करने वाले थर्मल पावर प्लांट को कोयले की आपूर्ति को कम करने पर भी विचार करेगा।
वायु प्रदूषण के मुद्दे को संबोधित करने के लिए और ताप विद्युत उत्पादन के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए, बिजली मंत्रालय ने अक्टूबर 2021 में कृषि अवशेष-आधारित बायोमास के उपयोग के लिए एक संशोधित नीति जारी की थी और सभी थर्मल पावर प्लांट (TPPs) में कोयले के साथ 5 से 7 प्रतिशत बायोमास को-फायरिंग के उपयोग को अनिवार्य किया था।
हालांकि बायोमास छर्रों की को-फायरिंग करने वाले थर्मल पावर प्लांट की संख्या 2020-21 में आठ से बढ़कर अब 39 हो गई है, फिर भी यह सरकार के लक्ष्य से कम है।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 10 थर्मल पावर प्लांट ने को-फायरिंग शुरू कर दी है।
बायोमास छर्रों में कोयले के समान कैलोरी मान होता है और उन्हें कोयले के साथ मिलाने से खपत की बचत होती है और साथ ही उत्सर्जन में भी कटौती होती है।
सभी थर्मल पावर प्लांट को निर्देश दिया गया था कि वे पंजाब और हरियाणा में स्थित संयंत्रों पर विशेष जोर देते हुए बायोमास की 5 प्रतिशत आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त निविदाएं जारी करें।
बायोमास को-फायरिंग बिजली संयंत्रों से कार्बन-डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन को कम करने की भारी क्षमता प्रदान करता है।
इस तकनीक के संक्षिप्त विवरण के अनुसार, बायोमास थर्मल पावर उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले कोयले के 20% से 50% के बीच प्रतिस्थापित कर सकता है।
विद्युत मंत्रालय ने थर्मल पावर प्लांटों में बायोमास के उपयोग पर राष्ट्रीय मिशन (जिसे बाद में समर्थ/SAMARTH नाम दिया गया) का शुभारंभ किया।
यह थर्मल पावर प्लांटों में बायोमास कचरे की को-फायरिंग का प्रावधान करता है, जो पराली जलाने की चुनौतियों को हरित बिजली उत्पादन के अवसर और किसानों और छोटे उद्यमियों के लिए आय सृजन का स्रोत के रूप में बदलने का प्रयास करता है।
समर्थ/SAMARTH थर्मल पावर प्लांटों के बायोमास को-फायरिंग व्यवस्था में सुचारू रूप से ट्रांजीशन को सक्षम करने में आने वाली समस्याओं को हल करने में अग्रणी रहा है।