पर्यावरण से पाइरीन (Pyrene) का क्षरण करने वाले फंगस की पहचान
काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (CSIR-IIP), देहरादून के शोधकर्ताओं ने पर्यावरण से जहरीले, रिकैल्सीट्रेंट और कार्सिनोजेनिक पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (polycyclic aromatic hydrocarbons: PAHs) को हटाने में सक्षम एक फंगस (कवक) की पहचान की है।
आर्थिक विकास और औद्योगीकरण की तीव्र गति से पर्यावरण में कई PAHs समा गए हैं। PAHs सर्वव्यापी पर्यावरण प्रदूषक हैं जो कई स्रोतों से उत्पन्न होते हैं, जिसमें पेट्रोजेनिक जीवाश्म ईंधन का दहन, और नगरपालिका कचरे और बायोमास का अधूरा दहन शामिल है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम के शोधकर्ताओं ने एक सफेद-सड़ांध कवक ट्रैमेट्समैक्सिमा आईआईपीएलसी -32 (Trametesmaxima IIPLC-32) की पहचान की है, जिसमें पाइरीन (Pyrene) को माइक्रोबियल के द्वारा क्षरण करने की क्षमता निहित है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, मृत पौधों पर उगने वाला यह कवक विशेष एंजाइमों का उपयोग करके पाइरीन क्षरण (pyrene degradation) का कारण बनता है।
पाइरीन (Pyrene) के प्रमुख स्रोत कौन से हैं?
पाइरीन, जिसमें चार बेंजीन के छल्ले होते हैं, PAHs (पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन) के अत्यधिक विषैले वर्ग से संबंधित है, जिसमें कार्सिनोजेनिक और म्यूटाजेनिक गुण होते हैं।
यह मिट्टी, पानी और वायुमंडल जैसे पर्यावरणीय मैट्रिक्स में जमा हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक पर्यावरण प्रदूषण होता है, जिससे दूषित पर्यावरणीय मैट्रिक्स के पर्याप्त उपचार की आवश्यकता होती है।
पाइरिन प्राकृतिक रूप से लकड़ी के जलने, गैसोलीन के निकास और सिगरेट के धुएं से निकलता है।
पाइरीन कोल तार और डामर (asphalt) का एक प्राकृतिक घटक है।
पाइरीन के अन्य स्रोतों में ब्राइटनिंग एजेंट और डाई, प्लास्टिक और कीटनाशक शामिल हो सकते हैं।
पाइरीन के स्वास्थ्य प्रभाव पर बहुत हद स्थिति स्पष्ट नहीं हैं। लेकिन लंबे समय तक जानवरों के अध्ययन से पता चलता है कि पाइरिन नेफ्रोपैथी (गुर्दे की बीमारी) और गुर्दे के वजन में कमी का कारण बन सकता है।