उत्सर्जन अंतराल रिपोर्ट 2023

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने 20 नवंबर, 2023 को वार्षिक उत्सर्जन अंतराल रिपोर्ट 2023 (Emissions Gap report 2023) जारी की।

यह रिपोर्ट एमिशन गैप सीरीज का 14वां संस्करण है।

एमिशन गैप रिपोर्ट ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती पर देशों के “राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDCs) संकल्पों” और “पूर्व औद्योगिक स्तर की तुलना में इस सदी के अंत तक ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के लिए जरुरी उत्सर्जन कटौती” के बीच अंतर का वार्षिक साइंस बेस्ड आकलन है।

रिपोर्ट में देशों के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान ( Nationally Determined Contributions: NDCs) का आकलन किया गया है, जिसे उन्हें हर पांच साल में अपडेट करना होता है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि अगर इन योजनाओं को पूरी तरह से लागू किया गया तो दुनिया कितनी गर्म हो सकती है।

आज की स्थिति के अनुसार मौजूदा उपायों से ग्लोबल वार्मिंग में अनुमानित वृद्धि 3 प्रतिशत है।  पेरिस समझौते के तहत ग्लोबल वार्मिंग को 2°C तक सीमित रखने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए 2030 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 28 प्रतिशत कटौती और 1.5°C तक सीमित रखने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए 42 प्रतिशत की कटौती करनी होगी।

रिपोर्ट में पाया गया है कि यदि सरकारें जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा नहीं देती हैं तो दुनिया को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 2.5 डिग्री सेल्सियस और 2.9 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान वृद्धि का सामना करना पड़ेगा।

2021 से 2022 तक वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 1.2% की वृद्धि हुई, जो रिकॉर्ड 57.4 गीगाटन कार्बन डाइऑक्साइड समकक्ष तक पहुंच गया।

जलवायु परिवर्तन को सीमित करने के लिए देशों के वर्तमान उत्सर्जन संकल्प अभी भी दुनिया को इस सदी में लगभग 3 डिग्री सेल्सियस तक गर्म करने की राह पर ले जाएंगी।

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने पर दुनिया कई विनाशकारी परिणामों से गुजर सकती है, जहां से वापसी संभव नहीं है। इनमें बर्फ की चादरों के तेजी से पिघलने से लेकर अमेज़ॅन वर्षावनों के सूखने जैसे भंयकर परिणाम शामिल हैं।

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