RBI ने क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों (CIC) के लिए आंतरिक लोकपाल तंत्र की शुरुआत की
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों (Credit Information Company: CIC) के लिए आंतरिक लोकपाल (Internal Ombudsman) की नियुक्ति के लिए निर्देश जारी किए हैं।
निर्देश–मुख्य तथ्य
जैसा कि 5 अगस्त 2022 के मौद्रिक नीति वक्तव्य में घोषित किया गया था, CIC द्वारा आंशिक या पूर्ण रूप से खारिज की गई सभी शिकायतों की समीक्षा आंतरिक लोकपाल द्वारा शिकायतकर्ता को अंतिम निर्णय देने से पहले की जाएगी।
लोकपाल सीधे जनता द्वारा की गयी किसी भी शिकायत पर विचार नहीं करेगा।
RBI ने CIC को 1 अप्रैल, 2023 तक अपने आंतरिक शिकायत निवारण तंत्र के शीर्ष पर एक आंतरिक लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया है।
अपने निर्देशों में, RBI ने कहा है कि प्रत्येक CIC को एक निश्चित अवधि के लिए आंतरिक लोकपाल की नियुक्ति करनी चाहिए जिसका कार्यकाल तीन साल से कम नहीं होगा, लेकिन पांच साल से ज्यादा भी नहीं होगा।
आंतरिक लोकपाल या तो एक सेवानिवृत्त या एक सेवारत अधिकारी होगा, जो किसी भी वित्तीय क्षेत्र के नियामक निकाय में उप महाप्रबंधक या समकक्ष के पद से नीचे के रैंक का नहीं होगा, और उसके पास बैंकिंग, नॉन-बैंकिंग फाइनेंस, वित्तीय क्षेत्र के विनियमन या पर्यवेक्षण, क्रेडिट, सूचना या उपभोक्ता संरक्षण में कम से कम सात साल का अनुभव होगा।
प्रस्तावित कार्यकाल पूरा होने से पहले आंतरिक लोकपाल 70 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं करेगा और उसी CIC में कार्यकाल के विस्तार के लिए कोई पुनर्नियुक्ति नहीं होगी।
क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी (CIC) क्या है?
क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी (Credit Information Company: CIC) एक स्वतंत्र तृतीय-पक्ष एजेंसी है जो अपने ऋण, क्रेडिट कार्ड और अन्य संबंधित जानकारी से संबंधित व्यक्तियों का वित्तीय डेटा एकत्र करती है और अपने सदस्यों के साथ साझा करती है, जो आम तौर पर बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान होते हैं।
CIC को पंजीकरण प्रमाणपत्र भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रदान किया जाता है।
वर्तमान में, चार CIC हैं – क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड (CIBIL), इक्विफैक्स क्रेडिट इंफॉर्मेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, एक्सपेरियन क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और CRIF हाई मार्क क्रेडिट इंफॉर्मेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड।
ये कंपनियां क्रेडिट इनफार्मेशन कंपनी (विनियमन) अधिनियम 2005 (CICRA) द्वारा शासित हैं।
CIC अधिनियम, 2005 की धारा 3, स्पष्ट रूप से किसी भी कंपनी को RBI से पंजीकरण प्रमाण पत्र के बिना, क्रेडिट जानकारी की व्यावसायिक गतिविधि करने से रोकती है। इसलिए RBI के पास प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करना और प्राप्त करना अनिवार्य है।
क्रेडिट जानकारी के व्यवसाय के अलावा, एक CIC अग्रलिखित व्यवसायों में संलग्न हो सकती है जैसे (1) व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट उधारकर्ताओं को उनकी क्रेडिट रिपोर्ट प्रदान करना; (2) अपने सदस्य क्रेडिट संस्थानों को डेटा प्रबंधन सेवाएं प्रदान करना।