CBIC ने भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौते के लिए “रूल्स ऑफ ओरिजिन” को अधिसूचित किया
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ECTA) के तहत रूल्स ऑफ़ ओरिजिन (Rules of Origin) को अधिसूचित किया है।
- यह अधिसूचना ECTA के तहत वस्तु में व्यापार पर अधिमान्य सीमा शुल्क (preferential customs duty) का दावा करने के लिए पात्रता की आवश्यकता से संबंधित है और यह 29 दिसंबर 2022 से प्रभावी होगी।
- इसे Customs Tariff (Determination of Origin of Goods under the India-Australia Economic Cooperation and Trade Agreement) Rules, 2022, शीर्षक के तहत अधिसूचित किया गया है।
- यह अधिसूचना मूल मानदंड निर्धारित करती है जिसके आधार पर को उत्पाद अधिमान्य सीमा शुल्क के लिए पात्र होगा। दो देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता के तहत कर रियायतों के लिए पात्र होने के लिए संबंधित देश में किसी उत्पाद में वैल्यू एडिशन की सीमा निर्धारित की जाती है, ताकि अन्य देशों में स्थित कंपनियों द्वारा लाभों का दुरुपयोग न किया जाये।
रूल्स ऑफ़ ओरिजिन क्या है?
- “रूल्स ऑफ़ ओरिजिन” वे मानदंड हैं जिनका उपयोग यह परिभाषित करने के लिए किया जाता है कि कोई उत्पाद कहाँ बनाया गया था। प्रत्येक उत्पाद के लिए एक मूल देश का श्रेय देने के लिए रूल्स ऑफ़ ओरिजिन की आवश्यकता होती है।
- गैट (GTT) के तहत अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य में रूल्स ऑफ़ ओरिजिन के देश के निर्धारण को नियंत्रित करने वाले कोई विशिष्ट नियम नहीं हैं। प्रत्येक अनुबंध करने वाला पक्ष अपने स्वयं के रूल्स ऑफ़ ओरिजिन को निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं।
रूल्स ऑफ़ ओरिजिन का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों से किया जाता है:
- डंपिंग रोधी शुल्क और सुरक्षा उपायों जैसे वाणिज्यिक नीति के उपायों को लागू करने के लिए;
- यह निर्धारित करने के लिए कि क्या आयातित उत्पादों को सबसे तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा या प्राथमिकता का दर्जा प्राप्त होगा;
- व्यापार आंकड़ों के प्रयोजन के लिए;
- लेबलिंग और मार्किंग आवश्यकताओं को लागू करने के लिए; तथा
- सरकारी खरीद के लिए।