इकोलॉजिकल थ्रेट रिपोर्ट 2023
इकोलॉजिकल थ्रेट रिपोर्ट 2023 (Ecological Threat Report 2023) इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) द्वारा जारी की गई है। रिपोर्ट में वैश्विक पारिस्थितिक खतरों, पर्यावरणीय क्षरण और जलवायु संबंधी घटनाओं के परिणामस्वरूप संघर्ष, नागरिक अशांति और विस्थापन का सबसे अधिक खतरा झेल रहे देशों और उप-राष्ट्रीय क्षेत्रों की पहचान की गयी है।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
पारिस्थितिक संबंधी गंभीर खतरों (severe ecological threats) का सामना करने वाले देशों में रहने वाले लोगों की संख्या 2050 तक 2.8 बिलियन हो जाएगी।
वर्तमान में यह संख्या 1.8 बिलियन है। गंभीर ख़तरे का सामना कर रहे आधे से अधिक हॉटस्पॉट देश उप-सहारा अफ़्रीका में हैं।
पिछले वर्ष गंभीर पारिस्थितिक खतरों और कम सामाजिक रेसिलिएंस से पीड़ित देशों की संख्या तीन से बढ़कर 30 हो गई है।
उप-सहारा अफ्रीका में पारिस्थितिक खतरे भी काफी अधिक हैं।
गंभीर पारिस्थितिक खतरों का सामना करने वाले और सामाजिक रेसिलिएंस के निम्न स्तर वाले 30 हॉटस्पॉट देशों में से 19 उप-सहारा अफ्रीका में हैं।
सबसे अधिक जोखिम वाले देश इथियोपिया, नाइजर, सोमालिया और दक्षिण सूडान हैं, जिनमें से इथियोपिया और नाइजर हाल ही में हॉटस्पॉट के रूप में उभरे हैं। हॉटस्पॉट में शामिल होने वाला एक और नया देश म्यांमार है।
यूरोप और उत्तरी अमेरिका ही ऐसे दो क्षेत्र हैं जहां वर्तमान में किसी भी देश को गंभीर पारिस्थितिक खतरे का सामना नहीं करना पड़ा है।
यह रिपोर्ट खतरे की चार श्रेणियों पर केंद्रित है: खाद्य असुरक्षा, प्राकृतिक आपदाएँ, जनसांख्यिकीय दबाव और जल संकट।