डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान

वैज्ञानिकों के एक समूह ने हाल ही में पाया कि मध्य प्रदेश के धार जिले के एक गाँव के निवासी वर्षों से अनजाने में डायनासोर के अंडों को अपने कूल-देवता के रूप में पूज रहे थे। नर्मदा घाटी क्षेत्र, जहां गांव स्थित है, लाखों साल पहले डायनासोर युग से जुड़ा हुआ है। डायनासोर के अंडों की खोज के बाद, स्थानीय अधिकारियों ने एक जांच शुरू की।  

वर्षों से, वैज्ञानिक यह साबित करने का प्रयास कर रहे थे कि भील जनजाति जिसे अपना देवता मानकर पूजा कर रहे थे वह वास्तव में, डायनासोर के अंडा का एक जीवाश्म था। 2023 में छपे एक शोध पत्र ने यही साबित किया।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के बाग क्षेत्र  में अब तक डायनासोर  के 256 से अधिक जीवाश्म अंडे मिले हैं। हाल ही में 20 घोंसले भी मिले हैं।  

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि नवीनतम खोज से भारत के पहले यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क टैग का दर्जा प्राप्त करने के उनके नामांकन को प्रोत्साहन मिलेगा।

डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान (Dinosaur fossil national park) मध्य प्रदेश के धार जिले के बाग क्षेत्र में 89 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थित है।

बाग जीवाश्म पार्क में संरक्षित कुछ दुर्लभ जीवाश्म हैं: शाकाहारी डायनासोर के 65 मिलियन वर्ष पुराने पेटीकृत अंडे, जिन्हें इतिहास में पाए गए सबसे बड़े अंडों में से एक माना जाता है; सौरोपोड और एबेलिसौरस डायनासोर की 65 से 100 मिलियन वर्ष पुरानी हड्डी के अवशेष, जिन्हें इतिहास में सबसे बड़े स्थलीय जानवरों में से एक माना जाता है; नर्मदा घाटी में मिले शार्क मछली के 74 से 10 करोड़ साल पुराने अवशेष; 70 करोड़ साल पुराने, नर्मदा घाटी के काफी बड़े पेड़; नर्मदा जल में पाए जाने वाले 86 मिलियन वर्ष पुराने जीवाश्म समुद्री जीव।

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