डिजिटल स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना (DHIS)

भारत सरकार ने मरीजों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने और उन्हें आयुष्मान भारत डिजिटल स्वास्थ्य खाते (ABHA ID) से जोड़ने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना (Digital Health Incentive Scheme: DHIS) को एक साल का विस्तार दिया है।

यह योजना अब 30 जून, 2025 तक प्रभावी रहेगी। केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से योजना के माध्यम से प्राप्त धन के उपयोग पर विवरण भी मांगा है।

इस योजना के तहत, सरकारी और निजी अस्पताल, क्लीनिक, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक लैब और फार्मेसियों को उनके द्वारा प्रति माह 100 लेनदेन की सीमा से अधिक डिजिटाइज़ किए गए प्रत्येक अतिरिक्त रिकॉर्ड के लिए 20 रुपये का भुगतान किया जाता है।

यह योजना सार्वजनिक और निजी दोनों प्रकार के अस्पतालों और डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड बनाने वाली डिजिटल समाधान कंपनियों (डीएससी) पर लागू है। इसके तहत, प्रत्येक सुविधा या डिजिटल समाधान कंपनी 4 करोड़ रुपये तक का प्रोत्साहन कमा सकती है।

यह योजना अस्पतालों को उनकी सुविधा को डिजिटल बनाने पर हुए खर्च की प्रतिपूर्ति करने में मदद करती है। इस व्यय को अक्सर अस्पतालों के लिए डिजिटल स्वास्थ्य की ओर बढ़ने में एक महत्वपूर्ण अड़चन के रूप में बताया गया था ।

अस्पतालों और क्लीनिकों को डिजिटल होने के लिए कंप्यूटर और लैपटॉप स्थापित करने होंगे, इंटरनेट कनेक्शन और सॉफ्टवेयर (HMIS/LMIS) खरीदना होगा।

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