नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) का ड्राफ्ट जारी किया गया

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने 19 अक्टूबर को जन परामर्श के लिए नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) ड्राफ्ट जारी किया। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के विजन को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) विकसित किया है ताकि अकादमिक और व्यावसायिक क्षेत्रों का एकीकरण सुनिश्चित किया जा सके जिससे दोनों के बीच फ्लेक्सिबिलिटी और मोबिलिटी आए।

  • छात्रों की आगे की प्रगति के लिए कई विकल्पों को खोलेगा और व्यावसायिक शिक्षा व अनुभवात्मक शिक्षा के साथ स्कूल और उच्च शिक्षा के बीच रिश्ता कायम करेगा, जिससे कौशल विकास और वोकेशनल शिक्षा को मेनस्ट्रीम में लाया जा सकेगा।
  • जो विद्यार्थी मेनस्ट्रीम शिक्षा से बाहर हो गए हैं, वे शिक्षा इकोसिस्टम में फिर से प्रवेश कर सकेंगे।
  • शैक्षिक व कौशल संस्थानों और कार्यबल में लोगों को शामिल करते हुए NCrF उनके कौशल प्रशिक्षण, री-स्किलिंग, अप-स्किलिंग, एक्रीडिटेशन और इवैल्यूएशन के लिए एक अंब्रैला फ्रेमवर्क है।
  • इस समावेशी अंब्रैला फ्रेमवर्क का उद्देश्य उच्चतर शिक्षा, स्कूली शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा में मल्टीपल एंट्री-मल्टीपल एक्जिट के विकल्पों को सुलभ करना और लागू करना है, जिससे छात्रों को अपने खुद की लर्निंग के रास्ते और कार्यक्रम चुनने की सुविधा मिलती है।
  • नेशनल हायर एजुकेशन क्वॉलिफिकेशन फ्रेमवर्क (NHEQF), नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NSQF) और नेशनल स्कूल एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NSEQF) को शामिल करके नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक और कौशल शिक्षा के माध्यम से अर्जित क्रेडिट्स को निर्बाध रूप से एकीकृत करेगा
  • राष्ट्रीय क्रेडिट ढांचा बहु-विषयक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों में एकीकरण लाएगा, जिससे छात्रों के ज्ञान का विविध और समृद्ध आधार तैयार होगा।
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