उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नई संसद के ‘गज द्वार’ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति श्री जगदीप धनखड़ ने 17 सितंबर 2023 को नए संसद भवन के “गज द्वार” पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
नए संसद भवन में भारतीय संस्कृति में उनके महत्व के आधार पर सभी छह प्रवेश द्वारों पर शुभ जानवरों की लाल बलुआ पत्थर की मूर्तियां ‘अभिभावक मूर्तियों’ (guardian statues) के रूप में स्थापित की गई हैं।
गज: उत्तर के प्रवेश द्वार की सुरक्षा के लिए एक हाथी या गज की मूर्ति स्थापित की गई है। यह जानवर ज्ञान और धन, बुद्धि और स्मृति का प्रतिनिधित्व करता है, और लोकतंत्र के निर्वाचित प्रतिनिधियों की आकांक्षाओं का भी प्रतीक है।
अश्व: दक्षिणी प्रवेश द्वार पर सतर्क और तैयार खड़ा अश्व या घोड़ा धीरज और बल, शक्ति और गति का प्रतीक है, जो शासन की गुणवत्ता का भी वर्णन करता है।
गरुड़: चील जैसा गरुड़ पूर्वी औपचारिक प्रवेश द्वार पर खड़ा है, जो देश के लोगों और प्रशासकों की आकांक्षाओं का प्रतीक है।
मकर: एक पौराणिक जलीय जीव, मकर विभिन्न जानवरों के शारीरिक अंगों को जोड़ता है, जो देश के लोगों के बीच विविधता में एकता का प्रतिनिधित्व करता है।
शार्दुल: शार्दुल को सबसे शक्तिशाली, सभी जीवित प्राणियों में अग्रणी कहा जाता है, जो देश के लोगों की शक्ति का प्रतीक है।
हंस: ज्ञान का प्रतीकात्मक वाहन।