वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा निर्यात 16,000 करोड़ रुपये के अब तक के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा

वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा निर्यात में अहम उपलब्धि हासिल की है। आलोच्य वित्त वर्ष में रक्षा निर्यात लगभग 16,000 करोड़ रुपये के अभी तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है।

पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह लगभग 3,000 करोड़ रुपये ज्यादा है। यह 2016-17 के बाद से रक्षा निर्यात10 गुना से ज्यादा बढ़ गया है।

भारत फिलहाल 85 से ज्यादा देशों को निर्यात कर रहा है।

भारतीय उद्योग ने वर्तमान में रक्षा उत्पादों का निर्यात करने वाली 100 कंपनियों के साथ डिजाइन और विकास की अपनी क्षमता दुनिया को दिखाई है।

भारत, आज ड्रोनियर-228, 155 एमएम एडवांस्ड टोड आर्टिनरी गन्स (एटीएजी), ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश मिसाइल सिस्टम्स, रडार, सिमुलेटर, माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल्स, आर्मर्ड व्हीकल्स, पिनाका रॉकेट और लॉन्चर, एम्युनिशन, थर्मल इमेजर, बॉडी आर्मर, सिस्टम, लाइन रिप्लेसिएबिल यूनिट्स और एवियॉनिक्स और स्मॉल आर्म्स के भाग और घटकों जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स का निर्यात करता है।

रक्षा निर्यात के लिए पहलें
सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की जा रही है; रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 जारी की गयी है; सामरिक साझेदारी मॉडल और इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (iDEX) पहल के माध्यम से लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, टैंक और पनडुब्बियों सहित विशाल रक्षा कार्यक्रम के निर्माण के अवसरों को खोलना शामिल है, जिसने रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास का वातावरण तैयार किया है।

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