कार्यस्थल पर मौलिक सिद्धांतों और अधिकारों का संवर्धन (FPRW) परियोजना

भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (CITI) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने 13 अगस्त को नई दिल्ली में संयुक्त रूप से “कार्यस्थल पर मौलिक सिद्धांतों और अधिकारों को बढ़ावा देना (Promoting Fundamental Principles and Rights at Work: FPRW)” नामक एक परियोजना शुरू की।

इस परियोजना का उद्देश्य भारत में कपास (कॉटन) उत्पादक समुदाय के बीच संगठन की स्वतंत्रता, सामूहिक सौदेबाजी के अधिकार, बाल श्रम का उन्मूलन, जबरन श्रम का उन्मूलन, सभी प्रकार के भेदभाव का उन्मूलन तथा सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण को बढ़ावा देने की प्रभावी मान्यता को बढ़ावा देना है।

इस परियोजना से 11 राज्यों में 65 लाख कपास किसानों तक पहुंचने की उम्मीद है।

FPRW के बारे में जागरूकता के अलावा, यह प्रोजेक्ट किसानों को उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी योजनाओं और पहलों के बारे में जानकारी प्रदान करेगी।

इस परियोजना का उद्देश्य किसानों और कृषि श्रमिकों के लिए सामाजिक वित्त और वित्तीय समावेशन/बैंक लिंकेज को बढ़ावा देना और सरकार के डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों तक उनकी पहुंच बढ़ाना भी है।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के “मौलिक सिद्धांतों और कार्यस्थल पर अधिकारों पर (Fundamental Principles and Rights at Work: FPRW) घोषणापत्र पुष्टि करता है कि ILO के सभी  सदस्य देश, भले ही उन्होंने इससे संबंधित कन्वेंशंस की पुष्टि न की हो, इस दायित्व से बंधे हैं कि वे मौलिक अधिकारों से संबंधित सिद्धांतों का सम्मान करें, उन्हें बढ़ावा दें और उन्हें साकार करें।

इन अधिकारों को चार श्रेणियों में बांटा गया है, अर्थात् संघ की स्वतंत्रता और सामूहिक सौदेबाजी के अधिकार की प्रभावी मान्यता, जबरन या बंधुआ श्रम का उन्मूलन, बाल श्रम का उन्मूलन और रोजगार और व्यवसाय के संबंध में भेदभाव का उन्मूलन।

error: Content is protected !!