भारत ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स में ‘डेटा एक्सक्लूसिविटी’ शामिल करने की EFTA की मांग को किया खारिज
भारत ने प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स में ‘डेटा एक्सक्लूसिविटी’ (Data exclusivity) प्रावधान को शामिल करने की चार यूरोपीय देशों के EFTA ब्लॉक की मांग को खारिज कर दिया है।
भारत का कहना है कि वह हमेशा अपने देश की जेनेरिक दवा कंपनियों के हितों की रक्षा करता रहेगा।
डेटा एक्सक्लूसिविटी अपने उत्पादों की उपयोगिता साबित करने के लिए इनोवेटर कंपनियों द्वारा उत्पन्न तकनीकी डेटा को सुरक्षा प्रदान करती है।
फार्मास्युटिकल क्षेत्र में, दवा कंपनियां अपनी नई दवा की प्रभावकारिता (एफिकेसी) और सेफ्टी साबित करने के लिए महंगे वैश्विक क्लीनिकल ट्रायल्स के माध्यम से डेटा जेनेरेट करती हैं।
किसी दवा को बाजार में बेचने की मंजूरी से लेकर आठ साल की अवधि तक दवा तैयार करने वाली कंपनी को उस दवा की प्रीक्लिनिकल टेस्ट और क्लीनिकल ट्रायल्स के नतीजों से संबंधित डेटा अपने पास रखने का विशेष अधिकार होता है। इस अवधि के बाद, दवा निर्माता मूल कंपनी उस दवा का किफायती वर्जन यानि जेनेरिक दवा विकसित करने की इच्छुक कंपनियों को यह डेटा शेयर करने के लिए बाध्य है।
इस डेटा पर विशेष अधिकार प्राप्त करके, इनोवेटर कंपनियां इस ‘एक्सक्लूसिविटी’ की अवधि के दौरान अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनियों को कम लागत वाले वर्जन के लिए मार्केटिंग लाइसेंस प्राप्त करने से रोक सकती हैं।
डेटा एक्सक्लूसिविटी’ WTO (विश्व व्यापार संगठन) के तहत बौद्धिक संपदा अधिकार (TRIPS) समझौते के व्यापार संबंधी पहलुओं के प्रावधानों से परे है।
EFTA
यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (European Free Trade Association: EFTA) के सदस्य आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं।
यह समूह भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत कर रहा है।