Halloumi cheese: साइप्रस ने भारतीय कम्पनी के खिलाफ ट्रेडमार्क केस जीता

साइप्रस ने एक भारतीय कम्पनी को हॉलौमी पनीर (Halloumi cheese) को भारत में ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकृत होने से सफलतापूर्वक रोक दिया। ट्रेड मार्क्स रजिस्ट्री के कार्यालय ने 20 नवंबर 2023 को भारतीय कंपनी के आवेदन को परित्यक्त मानते हुए आदेश पारित किया।

हॉलौमी साइप्रस में उत्पादित पनीर की विश्व स्तर पर प्रसिद्ध, विशिष्ट किस्म है। साइप्रस सरकार ने अहमदाबाद स्थित फर्म द्वारा ‘हॉलौमी ‘ अभिव्यक्ति वाले एक आलंकारिक ट्रेडमार्क को पंजीकृत करने पर आपत्ति जताई।

गौरतलब है कि विश्व के देशों ने हमेशा अपने ‘ओरिजिनल’ ट्रेडमार्क का समर्थन किया है। 2006 में, कनाडा ने बियर सीरीज में “कैनेडियन” शब्द के उपयोग पर मोल्सन कूर्स पर मुकदमा दायर किया था। 2007 में, ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने पनीर उत्पादों पर “फ़ेटा” शब्द के उपयोग पर यूरोपीय संघ पर मुकदमा दायर किया। 2009 में, भारत ने चावल उत्पादों की सीरीज में “बासमती” शब्द के उपयोग पर राइसटेक पर मुकदमा दायर किया था

हॉलौमी साइप्रस सरकार के स्वामित्व वाला एक ट्रेडमार्क है और कुछ विशिष्ट विशेषताओं के साथ साइप्रस पनीर से संबंधित है। हालांकि हॉलौमी भारत में एक पंजीकृत ट्रेडमार्क नहीं है, लेकिन साइप्रस सरकार ने इसके विरोध में ट्रेडमार्क की अपनी प्रसिद्ध प्रकृति और विशिष्टता के साथ-साथ साइप्रस के साथ मार्क के अटूट संबंध का हवाल दिया।

ट्रेडमार्क एक संकेत है जो किसी एंटरप्राइजेज की वस्तु या सेवाओं को किसी अन्य अन्य एंटरप्राइजेज से अलग करता हैट्रेडमार्क बौद्धिक संपदा अधिकारों द्वारा संरक्षित हैं।

राष्ट्रीय/क्षेत्रीय स्तर पर, राष्ट्रीय/क्षेत्रीय ट्रेडमार्क कार्यालय में पंजीकरण के लिए आवेदन दाखिल करके और आवश्यक शुल्क का भुगतान करके, पंजीकरण के माध्यम से ट्रेडमार्क सुरक्षा प्राप्त की जा सकती है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, या तो कोई व्यक्ति प्रत्येक देश के ट्रेडमार्क कार्यालय में ट्रेडमार्क आवेदन दाखिल कर सकता है जहां सुरक्षा मांगी गई है, या WIPO की मैड्रिड सिस्टम का उपयोग कर सकता है।

ट्रेडमार्क अधिकार प्राइवेट राइट्स हैं और इसकी सुरक्षा अदालत के आदेशों के माध्यम से लागू की जाती है।

error: Content is protected !!