अधिसूचित आपदाएं

देश के कई हिस्सों में चल रही भीषण गर्मी ने एक बार फिर हीटवेव को आपदा प्रबंधन (DM) अधिनियम, 2005 के तहत अधिसूचित आपदाओं (notified disasters) में शामिल करने पर चर्चा आरम्भ कर दिया है।

यदि हीट वेव को अधिसूचित आपदा में शामिल किया जाता है, तो राज्यों को मुआवजा और राहत प्रदान करने के लिए अपने आपदा मोचन कोष का उपयोग करने  की अनुमति होगी।

वर्तमान में, राज्यों को इन गतिविधियों के लिए अपने स्वयं के फण्ड का उपयोग करना होता है।

वर्तमान में, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005  के तहत आपदाओं की 12 श्रेणियां हैं जिन्हें अधिसूचित किया गया है। ये चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सुनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, हिमस्खलन, बादल फटना, कीट हमला, तथा पाला और शीत लहरें हैं।

आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधान राज्यों को इस कानून के तहत स्थापित दो निधियों से धन निकालने की अनुमति देते हैं – राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (NDRF) और राज्य स्तर पर राज्य आपदा मोचन कोष (SDRF)।

राज्य पहले SDRF  में उपलब्ध धन का उपयोग करते हैं, और केवल तभी जब आपदा की भयावहता से निपटने में SDRF का धन अपर्याप्त सिद्ध होता है तब राज्य NDRF से धन की मांग करते हैं।

NDRF का पूरा पैसा केंद्र सरकार से आता है, वहीं राज्य SDRF में 25% धन का योगदान करते हैं (विशेष श्रेणी के राज्यों के मामले में 10%), बाकी केंद्र से आता है।

इन निधियों में धन का उपयोग अधिसूचित आपदाओं से निपटने और प्रबंधन के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता है।

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