एडीआर ने आपराधिक विवरण प्रकाशित न करने वाले राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने 19 जून को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जो सुप्रीम कोर्ट और ECI के निर्देश के बाद भी आपराधिक विवरण प्रकाशित करने में विफल रहती हैं।

ADR चुनावी निगरानी संस्था है जिसे भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद के प्रोफेसरों के एक समूह ने 1999 में स्थापित की थी।

सुप्रीम कोर्ट निर्णय

बता दें कि पब्लिक इंटरेस्ट फाउंडेशन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, 25 सितंबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों के लिए चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप में अपने उम्मीदवारों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का विवरण अपनी वेबसाइटों पर प्रकाशित करना अनिवार्य कर दिया था।

हालांकि इस निर्णय से पहले भी उम्मीदवार चुनाव आयोग को अपने चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ लंबित मामलों की घोषणा करते रहे हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने इस जानकारी को व्यापक रूप से प्रचारित करना अनिवार्य बना दिया।

इसने राजनीतिक दलों को किसी उम्मीदवार के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का विवरण मोटे अक्षरों में प्रकाशित करने का निर्देश दिया और लंबित मामलों वाले उम्मीदवारों से कहा कि वे इन मामलों के बारे में पार्टी को सूचित करें।

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि उम्मीदवार और पार्टी को नामांकन दाखिल करने के बाद कम से कम तीन बार जानकारी प्रकाशित करनी होगी।

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