भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) 2023
भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (corruption perceptions index : CPI) 2023 में भारत पिछले वर्ष के मुकाबले फिसलकर 93वें स्थान पर आ गया, जबकि 2022 में यह 85वें स्थान पर था। हालांकि भारत की रैंकिंग में गिरावट में अन्य देशों की रैंकिंग में बदलाव की वजह से है।
भारत की रैंकिंग अपने पड़ोसियों से बेहतर है। दक्षिण एशिया में, पाकिस्तान (रैंक 133) और श्रीलंका (रैंक 115) दोनों अपने-अपने ऋण बोझ और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहे हैं।
यह रिपोर्ट ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी की गई है।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा तैयार किया गया सूचकांक 180 देशों और क्षेत्रों को विशेषज्ञों और व्यवसायी लोगों से प्राप्त सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के अनुमानित स्तर के आधार पर रैंक करता है।
0 से 100 के स्केल पर देशों का मूल्यांकन किया जाता है। 0 स्कोर सर्वाधिक भ्रष्ट स्थिति है जबकि 100 स्कोर भ्रष्टाचार रहित का सूचक है।
2023 में भारत का कुल स्कोर 39 था जबकि 2022 में यह 40 था। एशिया और प्रशांत क्षेत्र के 71 प्रतिशत देशों का CPI स्कोर क्षेत्रीय औसत स्कोर 45 से कम है और वैश्विक औसत 100 में से 43 है।
डेनमार्क (स्कोर-90), फ़िनलैंड (स्कोर-87) और नॉर्वे (स्कोर-84) इस सूचकांक रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर हैं, अर्थात ये सबसेज कम भ्रष्ट देश हैं। सोमालिया (स्कोर-11), वेनेजुएला (स्कोर-13), सीरिया (स्कोर-13), दक्षिण सूडान (स्कोर-13) और यमन (स्कोर-16) सूचकांक में निचले स्थान पर हैं।