कोयला मंत्रालय कोयला खदानों में “पंप स्टोरेज पावर प्लांट्स” की योजना बना रहा है

कोयला मंत्रालय विशाल लैंड बैंक से आर्थिक लाभ उठाने हेतु कोयला खनन कर लिए कोयला खदानों में पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स (Pump Storage Projects: PSP) विकसित करने की योजना बना रहा है।

इस योजना का उद्देश्य ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत में और विविधता लाना है।

पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स के माध्यम से, कोयला क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए जल विद्युत विकसित करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने की योजना बनाई गई है।

इस पहल का उद्देश्य दिन में सौर ऊर्जा का उपयोग करना और रात में हाइड्रोइलेक्ट्रिक का उत्पादन करना है।

पम्प्ड स्टोरेज पावर प्लांट्स पानी का उपयोग करके बिजली उत्पन्न करने के लिए ग्रैविटी का उपयोग करते हैं। दरअसल पंप्ड स्टोरेज हाइड्रोपावर एक प्रकार का हाइड्रोइलेक्ट्रिक ऊर्जा भंडारण है। इसमें कम और अधिक ऊंचाई पर दो जलाशय होते हैं। यह सिस्टम टरबाइन से गुजरते हुए पानी के एक से दूसरे जलाशय में डिस्चार्ज होने पर बिजली उत्पन्न कर सकती है। सिस्टम को चलाने के लिए बिजली की भी आवश्यकता होती है क्योंकि यह पानी को ऊपरी जलाशय (रिचार्ज) में वापस पंप करता है।

वास्तव में यह प्रणाली एक एक विशाल बैटरी के समान कार्य करती है, क्योंकि यह बिजली स्टोर कर सकती है और फिर जरूरत पड़ने पर इसे रिलीज कर सकती है।

बिजली की कम मांग की अवधि के दौरान, पानी को उच्च जलाशय में पंप किया जाता है। जब मांग अधिक होती है, तो बिजलीघर में टरबाइन चलाने और ग्रिड में बिजली पहुंचाने के लिए पानी छोड़ा जाता है।

कोयला खनन वाले क्षेत्रों में विशाल भूमि क्षेत्र वाली 200 से अधिक कोयला खनन कर ली गयी खदानें उपलब्ध हैं। इनमें से कई खदानें पम्प्ड स्टोरेज पावर प्लांट्स के लिए उपयुक्त हैं क्योंकि गड्डे ने जलाशय, जल स्रोत और भूमि उपलब्ध हैं।

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