CJI ने एक स्वतंत्र अम्ब्रेला जांच एजेंसी के गठन का प्रस्ताव दिया

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना ने 1 अप्रैल को CBI की ओर आयोजित 19वें डीपी कोहली मेमोरियल लेक्चर को संबोधित करते हुए केंद्र की सभी जांच एजेंसियों को एक छतरी के नीचे लाने की जरूरत व्यक्त की। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस सुधारों में हो रही देरी पर चिंता जताते हुए इसे तत्काल राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त करके स्वतंत्र बनाने को कहा।

स्वतंत्र अम्ब्रेला एजेंसी

  • एक ही केस की कई एजेंसियों द्वारा जांच से होने वाले समय और संसाधनों की बर्बादी को देखते हुए जस्टिस रमना ने एक स्वतंत्र अम्ब्रेला एजेंसी (independent umbrella institution) के गठन की आवश्यकता पर बल दिया। इसके तहत सीबीआइ, सीरियस फ्राड इंवेस्टिगेशन आफिस (Serious Fraud Investigation Office) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी सभी एजेंसियां काम करें।
  • नई एजेंसी का गठन कानून के तहत किया जाए और उसकी शक्तियां, कार्य व अधिकार क्षेत्र स्पष्ट रूप से परिभाषित हों।
  • आज एक ही घटना की कई एजेंसियां जांच करती हैं जिससे अक्सर सुबूत कमजोर हो जाते हैं, बयानों में विरोधाभास आ जाता है और बेगुनाहों को लंबे समय तक कैद में रहना पड़ता है।
  • जांच एजेंसी की निष्पक्षता और कार्यकुशलता बनाए रखने के लिए सीबीआइ निदेशक के चयन जैसी कमेटी बनाकर इस नई एजेंसी के प्रमुख का चुनाव किया जा सकता है।
  • नई एजेंसी में अभियोजन और जांच के विंग बिल्कुल अलग-अलग होने चाहिए, ताकि उसकी निष्पक्षता पर कोई सवाल न उठा सके। इस एजेंसी की कार्यकुशलता पर नजर रखने के लिए हर साल उसका आडिट कराया जाना चाहिए।

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