छत्तीसगढ़ के नगरी दुबराज चावल की किस्म को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग मिला

भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री ने छत्तीसगढ़ के सुगंधित चावल, नगरी दुबराज (Nagri Dubraj) को भौगोलिक संकेतक (geographical indication: GI)) टैग प्रदान किया है, जिससे इस ब्रांड को एक विशिष्ट पहचान और एक व्यापक बाजार मिल सके।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि मुरैना गजक और रीवा सुंदरजा आम (दोनों मध्य प्रदेश) और नगरी दुबराज को GI टैग दिया गया है। यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उत्पादों को एक नई पहचान देगा।

नगरी दुबराज का उत्पादन

छत्तीसगढ़ में नागरी दुबराज का उत्पादन महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा किया जाता है। धमतरी जिले के नगरी के महिला स्वयं सहायता समूह “मां दुर्गा स्वासहायता समूह” दुबराज की फसल उत्पादित कर रही है और उसने GI टैग के लिए आवेदन किया था।

नगरी दुबराज को इसकी सुगंध के कारण छत्तीसगढ़ का बासमती कहा जाता है।

जीराफूल चावल (Jeeraphool rice) के बाद, दुबराज GI प्राप्त करने वाला राज्य का दूसरा चावल ब्रांड है। साल 2019 में जीराफूल को जीआई टैग दिया गया था।

GI टैग किसी उद्यमी या किसी विशेष क्षेत्र, राज्य या देश के व्यवसायियों के समूह को दिया जाता है। GI टैग 1999 के भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम के अनुसार जारी किए जाते हैं।

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