सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ HPV वैक्सीन सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) में शामिल करने की सिफारिश
राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) में 9-14 वर्ष की किशोरियों के लिए वन टाइम कैच-अप के साथ ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) वैक्सीन की शुरुआत करने की सिफारिश की है, जिसके बाद 9 साल में नियमित रुप से टीकाकरण किया जायेगा। यह सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ टीका है।
मुख्य रूप से स्कूलों (ग्रेड आधारित दृष्टिकोण: 5वीं-10वीं) के माध्यम से टीकाकरण किया जाएगा।
अभियान के दिन स्कूल नहीं जा पाने वाली लड़कियों को स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण किया जाएगा, जबकि स्कूल न जाने वाली लड़कियों के लिए सामुदायिक आउटरीच और मोबाइल टीमों के माध्यम से अभियान चलाया जाएगा।
केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को देश भर में छात्राओं के बीच सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और HPV वैक्सीन के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए आग्रह किया है।
पंजीकरण, रिकॉर्डिंग और टीकाकरण संख्या की रिपोर्टिंग के लिए U-WIN ऐप का उपयोग किया जाएगा।
भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित टीका
बता दें कि सितम्बर 2022 में केंद्र सरकार ने सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित टीका- ‘सर्वावैक’ (CERVAVAC) की घोषणा की थी। इसके साथ क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (quadrivalent Human Papilloma Virus : qHPV) टीके के वैज्ञानिक रूप से पूरा होने की भी घोषणा की गयी थी।
सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer)
विश्व स्तर पर सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है।
भारत में, सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है और भारत में वैश्विक सर्वाइकल कैंसर के बोझ का सबसे बड़ा हिस्सा है।
यदि इसका जल्द पता चल जाए और प्रभावी ढंग से प्रबंधन किया जाए तो सर्वाइकल कैंसर रोकथाम योग्य और इलाज योग्य बीमारी है।
अधिकांश सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (Human Papilloma Virus :HPV) से जुड़े होते हैं और HPV वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के अधिकांश मामलों की रोकथाम कर सकता है यदि वैक्सीन लड़कियों या महिलाओं को वायरस के संपर्क में आने से पहले दी जाती है।