केंद्र ने प्याज का 3 लाख मीट्रिक टन बफर स्टॉक से जारी किया

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने 2023 में बनाए गए बफर स्टॉक से 3.00 लाख मीट्रिक टन के प्याज जारी किये हैं। सरकार प्याज की कीमतों में अस्थिरता पर अंकुश लगाने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (Price Stabilisation Fund) के तहत प्याज का बफर बनाकर रखती है।

  • इस वार्षिक बफर का निर्माण रबी की फसल से प्याज खरीदकर किया गया है ताकि कमजोर मौसम के दौरान प्रमुख खपत केंद्रों में इसे जारी किया जा सके। दो केंद्रीय नोडल एजेंसियों, अर्थात, नेफेड और NCF ने जून और जुलाई के दौरान महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से 1.50 लाख मीट्रिक टन रबी प्याज की खरीद की थी।
  • प्याज की हार्वेस्टिंग के दो मौसम होते हैं, भारत के कुल प्याज उत्पादन का 65% हिस्सा रबी का होता है। रबी प्याज की हार्वेस्टिंग अप्रैल-जून में की जाती है और उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने के लिए अक्टूबर-नवंबर में खरीफ किस्म की हार्वेस्टिंग होने तक भंडारण किया जाता है।
  • देश के कुल प्याज उत्पादन में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 43% है, इसके बाद मध्य प्रदेश की 15%, कर्नाटक की 9% और गुजरात की 9% हिस्सेदारी है।
  • इस वर्ष, प्यारज भंडारण हानि को कम करने के उद्देश्य से भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) के सहयोग से पायलट आधार पर प्याज का इरेडिएशन (irradiation of onion) भी शुरू किया गया है। लगभग 1,000 टन विकिरणित किया गया था और नियंत्रित वातावरण भंडारण में संग्रहीत किया गया था।

मूल्य स्थिरीकरण कोष (Price Stabilisation Fund)

  • प्याज, आलू और दालों जैसी महत्वपूर्ण कृषि-बागवानी वस्तुओं की कीमत में अस्थिरता पर नियंत्रण करने में मदद करने के लिए कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग के तहत 2014-15 में मूल्य स्थिरीकरण कोष (Price Stabilisation Fund: PSF) की स्थापना की गई थी।
  • PSF योजना को 1 अप्रैल, 2016 को उपभोक्ता मामले विभाग (डीओसीए) को स्थानांतरित कर दिया गया
  • यह योजना मूल्य की अस्थिरता को नियंत्रित करने और जमाखोरी और बेईमान सट्टेबाजी को हतोत्साहित करने के लिए बाद में कैलिब्रेटेड रिलीज के लिए उपर्युक्त उत्पादों का एक रणनीतिक बफर बनाए रखने का प्रावधान करती है।
  • ऐसे स्टॉक के निर्माण के लिए, योजना फार्म गेट/मंडी पर किसानों/किसान संघों से सीधी खरीद को बढ़ावा देती है।
  • PSF का उपयोग केंद्रीय एजेंसियों, राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारों/एजेंसियों को बाजार इंटरवेंशन ऑपरेशन के लिए कार्यशील पूंजी की ब्याज मुक्त अग्रिम राशि देने के लिए किया जाता है।
  • किसानों/थोक मंडियों से घरेलू खरीद के अलावा, आयात के लिए इस कोष से फंड उपलब्ध कराया जा सकता है।
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