पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता 2023-24 योजना

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने चालू वित्त वर्ष में 16 राज्यों में 56,415 करोड़ रुपये के पूंजीगत निवेश (Capital Investment) प्रस्तावों को मंजूरी दी है।

यह मंजूरी ‘पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता 2023-24’ (Special Assistance to States for Capital Investment 2023-24) योजना के तहत दी गई है।

बता दें कि स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई, जल आपूर्ति, बिजली, सड़क, पुल और रेलवे सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए पूंजी निवेश परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। जल जीवन मिशन और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के राज्य के हिस्से को पूरा करने के लिए भी इस योजना के तहत राज्यों को धन प्रदान किया गया है, ताकि इन क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाओं की गति में तेजी लाई जा सके।

केंद्रीय बजट 2023-24 में ‘पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता 2023-24’ योजना की घोषणा की गई थी।

इस योजना के तहत, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान राज्य सरकारों को 50-वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण के रूप में कुल 1.3 लाख करोड़ रुपये की विशेष सहायता प्रदान की जा रही है।

इस योजना के आठ भाग हैं:

भाग-I के तहत राज्यों के बीच केंद्रीय करों और शुल्क में उनकी हिस्सेदारी के अनुपात में आवंटन से सम्बंधित 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार 1 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

भाग-II के तहत राज्य सरकारों के पुराने वाहनों और एम्बुलेंस को स्क्रैप करने इत्यादि के लिए 3,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गयी है।

योजना के भाग-III और IV का उद्देश्य अर्बन प्लानिंग और अर्बन फाइनेंस में सुधार के लिए राज्यों को प्रोत्साहन प्रदान करना है।

भाग-V के तहत शहरी क्षेत्रों में पुलिस स्टेशन के परिसर में पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के लिए आवासों की संख्या में वृद्धि करने हेतु 2,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

योजना के भाग-VI के तहत प्रत्येक राज्य में यूनिटी मॉल के निर्माण के माध्यम से “एक जिला, एक उत्पाद (ODOP)” की अवधारणा को प्रोत्साहन देने हेतु आवंटन किये गए हैं।

योजना के भाग-VII के तहत बच्चों और किशोरों के लिए पंचायत और वार्ड स्तर पर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ पुस्तकालय स्थापित करने के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान किया जा रहा है।

ध्यातव्य है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर, पूंजी निवेश/व्यय के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता की योजना, वित्त मंत्रालय द्वारा पहली बार 2020-21 में शुरू की गई थी, जिसने राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए समय पर प्रोत्साहन प्रदान किया था।

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