राष्ट्रीय विद्युत योजना 2022-32: कुल स्थापित क्षमता में गैर जीवाश्म की हिस्सेदारी 68.4 प्रतिशत होने की संभावना

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) ने 2022-32 के लिए राष्ट्रीय विद्युत योजना (National Electricity Plan: NEP) को अधिसूचित कर दिया है। इस योजना के दस्तावेज में बीते पांच साल (2017-22) की समीक्षा, अगले पांच साल (2022-27) के लिए विस्तृत योजना और उससे अगले पांच साल (2027-32) के लिए संभावित योजना शामिल है।

विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 3(4) के अनुसार, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण को राष्ट्रीय विद्युत नीति के तहत एक राष्ट्रीय विद्युत योजना (NEP) तैयार करने और पांच वर्षों में एक बार ऐसी योजना को अधिसूचित करने के लिए अधिकृत किया गया है।

NEP दस्तावेज के मुताबिक, 20वें इलेक्ट्रिक पावर सर्वे (EPS) डिमांड के तहत बिजली की अखिल भारतीय अधिकतम मांग और विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता 2026-27 के लिए क्रमशः 277.2 GW और 1907.8 बीयू एवं 2031-32 के लिए 366.4 GW और 2473.8 बीयू होने का अनुमान है।

वर्ष 2031-32 तक संभावित रूप से 9,00,422 मेगा वाट क्षमता स्थापित होने का अनुमान है। इसमें 3,04,147 मेगा वाट पारम्परिक क्षमता (कोयला- 2,59,643 मेगा वाट, गैस- 24,824 मेगा वाट, परमाणु- 19,680 मेगा वाट) और नवीकरणीय ऊर्जा आधारित 5,96,275 मेगा वाट क्षमता (बड़ी पनबिजली- 62,178 मेगा वाट, सौर- 364,566 मेगा वाट, पवन- 1,21,895 मेगा वाट, छोटी पनबिजली- 5,450 मेगा वाट, बायोमास- 15,500 मेगा वाट, पीएसपी-26,686 मेगा वाट; साथ ही, 5,856 पनबिजली आधारित संभावित आयात) के साथ-साथ 47,244 मेगा वाट/ 2,36,220 मेगा वाट- ऑवर (एमडब्ल्यूएच) शामिल है।

NEP के अनुसार गैर-जीवाश्म आधारित क्षमता की हिस्सेदारी 2026-27 के अंत तक 57.4 प्रतिशत होने का अनुमान है और इसके 2031-32 तक बढ़कर 68.4 प्रतिशत होने की संभावना है, जो अप्रैल, 2023 तक 42.5 प्रतिशत था।

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