जनगणना 2021: प्रसाशनिक सीमा फ्रीज करने की समय सीमा 30 जून तक बढ़ाई गई
वर्ष 2021 की दशकीय जनगणना (Census enumeration) अगले आदेश तक वर्ष 2024-25 तक के लिए टाल दी गई है।
प्रमुख तथ्य
- भारत के रजिस्ट्रार जनरल (RGI) के कार्यालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे पत्र में प्रशासनिक सीमाओं को फ्रीज करने की समय सीमा को 30 जून, 2023 तक बढ़ा दिया है।
- प्रशासनिक सीमाएं तय होने के तीन महीने बाद ही जनगणना शुरू हो सकती है और चूंकि अगले साल की शुरुआत में आम चुनाव होने हैं, इसलिए 2023 में जनगणना की संभावना कम हो गयी है।
- जनगणना के लिए गणना हाउस-लिस्टिंग गणना से पहले की जाएगी जो राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के लिए एक्सरसाइज है।
- इससे पहले, प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव की समय सीमा 31 दिसंबर, 2022 और उससे पहले 30 जून, 2022 थी।
- मार्च 2022 में, सरकार ने जनगणना नियमों में कुछ संशोधनों को अधिसूचित किया था ताकि नागरिकों को जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) में स्वयं गणना करने की अनुमति मिल सके।
- जनगणना नियमावली, 1990 के नियम 8(iv) के अनुसार, प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं में बदलाव जनगणना आयुक्त द्वारा सूचित तिथि से रोक दी जाती है लेकिन यह तिथि जनगणना संदर्भ तिथि से एक वर्ष से पहले की नहीं होगी।
- प्रत्येक जनगणना से पहले, राज्यों को अंतिम जनगणना के बाद से राज्य में अधिसूचित जिलों, गांवों, कस्बों और अन्य प्रशासनिक इकाइयों जैसे तहसीलों, तालुकों और पुलिस स्टेशनों की संख्या में बदलाव पर भारत के रजिस्ट्रार जनरल को जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता होती है।
- जनगणना शुरू होने से तीन महीने पहले प्रशासनिक इकाइयों की सीमाएं फ्रीज़ कर दी जाती हैं। इस अवधि में, डेटा संकलित किया जाता है और भारत के रजिस्ट्रार जनरल के साथ साझा किया जाता है जो जनगणना के लिए अपना प्रारंभिक कार्य शुरू करता है।