प्लैंकटन क्रैश
अक्टूबर और नवंबर 2023 में पुडुचेरी के प्रोमेनेड तट पर समुद्री जल के लाल होने के कारणों की जांच के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की दक्षिणी पीठ ने एक पैनल गठित किया था।
इस पैनल की रिपोर्ट के अनुसार ने इस घटना की वजह बड़ी संख्या में प्लवक (plankton) की मृत्यु यानी प्लैंकटन क्रैश (plankton crash) थी।
एक अध्ययन के अनुसार, समुद्र में फाइटोप्लांकटन (पादप प्लवक) की एक विशेष एककोशिकीय प्रजाति – नॉक्टिलुका सिंटिलन्स (Noctiluca scintillans) मृत पाए गए थे, जिससे उनकी कोशिका से निकला लाल रंगद्रव्य समुद्र में फ़ैल गया था।
समुद्र के किनारे अनुकूल परिस्थितियाँ होने के कारण ये प्लैंकटन वहां एकत्र हो गए थे। ये प्लवक अधिक संख्या में एकत्र होने पर लाल रंग में बदल जाते हैं और क्रैश का शिकार होते हैं।
इससे उनकी कोशिकाओं से रंगीन रंगद्रव्य निकल जाते हैं। ये रंगद्रव्य या पिगमेंट फिर चट्टानों और समुद्र तल पर चिपक जाते हैं, जिससे बायोफिल्म जैसी परत बन जाती है और ‘रेड टाइड‘ पैदा होती है।
शोध में पाया गया कि समुद्र के किनारे आयरन का स्तर उच्च था, जो समृद्ध पोषक तत्वों की अनुपस्थिति में प्लवक के विकास को बढ़ावा देता है।