कार्पेथियन कन्वेंशन (Carpathian Convention) के 20 साल

हाल ही में कार्पेथियन कन्वेंशन (Carpathian Convention) की 20वीं वर्षगांठ मनाई गई। कार्पेथियन कन्वेंशन को मई 2003 में यूक्रेन के कीव में सात पक्षों (चेक गणराज्य, हंगरी, पोलैंड, रोमानिया, सर्बिया, स्लोवाक गणराज्य, यूक्रेन) द्वारा अपनाया और हस्ताक्षरित किया गया और जनवरी 2006 में लागू हुआ

यह पूरे कार्पेथियन क्षेत्र को कवर करने वाला एकमात्र बहु-स्तरीय शासन तंत्र है और अल्पाइन कन्वेंशन के अलावा दुनिया भर में किसी पर्वतीय क्षेत्र की सुरक्षा और सतत विकास के लिए दूसरा उप-क्षेत्रीय संधि-आधारित व्यवस्था है।

यह कन्वेंशन सहयोग और बहु-क्षेत्रीय नीति समन्वय के लिए एक फ्रेमवर्क, सतत विकास के लिए संयुक्त रणनीतियों के लिए एक मंच तथा स्थानीय समुदाय और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों से लेकर क्षेत्रीय और राष्ट्रीय सरकारों, संस्थानों तक शामिल सभी हितधारकों के बीच वार्ता के लिए एक मंच प्रदान करता है।

कार्पेथियन कन्वेंशन कार्पेथियन क्षेत्र के पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यापक नीति और सहयोग का प्रावधान करता है। इसका उद्देश्य पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करना और वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

कार्पेथियन पर्वत

कार्पेथियन पर्वत यूरोप की दूसरी सबसे लंबी पर्वत प्रणाली है जो लगभग 210,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करती है।

सात देश (चेक गणराज्य, हंगरी, पोलैंड, रोमानिया, सर्बिया, स्लोवाक गणराज्य और यूक्रेन) कार्पेथियन क्षेत्र के क्षेत्र को साझा करते हैं। इनमें से पांच यूरोपीय संघ के सदस्य हैं।

कार्पेथियन पर्वत क्षेत्र भोजन, ताज़ा पानी, वन उत्पाद और पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण इकोसिस्टम गुड्स और सर्विसेज प्रदान करता है। यह तीन प्रमुख नदी घाटियों का हिस्सा है: डेन्यूब, डेनिस्टर (काला सागर तक) और विस्तुला (बाल्टिक सागर तक)।

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