प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान (PM JANMAN)
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24,104 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन/PM JANMAN) को मंजूरी दी है।
योजना के प्रमुख विशेषताएं
इसके अंतर्गत नौ संबंधित मंत्रालयों के समन्वय से 11 अहम क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर खूंटी से इस अभियान की घोषणा की थी।
पीएम-जनमन योजना (सेंट्रल सेक्टर स्कीम और सेंट्रल स्पोंसर्ड स्कीम को मिलाकर) जनजातीय कार्य मंत्रालय सहित 9 मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण सेक्टर्स पर ध्यान केंद्रित करेगी।
इस योजना में केंद्रीय हिस्सेदारी: 15,336 करोड़ रुपये और राज्य हिस्सेदारी: 8,768 करोड़ रुपये की होगी।
अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (DAPST) के तहत अगले तीन वर्षों में मिशन को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
बजट भाषण 2023-24 में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए प्रधानमंत्री PVTG विकास मिशन शुरू करने की बात कही गयी थी। यह PVTG परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच, सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगा।
भारत में अनुसूचित जनजाति की आबादी
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में अनुसूचित जनजाति की आबादी 10.45 करोड़ थी, जिसमें से 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित 75 समुदायों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन पीवीटीजी को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्रों में असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है।