केंद्रीय मंत्रिमंडल ने “पृथ्वी विज्ञान (PRITHVI)” को मंजूरी दी

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की व्यापक योजना “पृथ्वी विज्ञान (PRITHvi VIgyan: PRITHVI)” को 2021-26 की अवधि में कार्यान्वयन के लिए मंजूरी दी है।

इसके लिए 4,797 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं।

इस योजना में पहले से चल रही पांच उप-योजनाएं शामिल हैं। ये हैं; एटमॉस्‍फेयर एंड क्‍लाइमेट रिसर्च– मॉडलिंग ओब्सर्विंग सिस्‍टम्‍स एंड सर्विसेज़ (ACROSS),ओशन सर्विसेज, मॉडलिंग एप्लीकेशन, रिसोर्सेज एंड टेक्नोलॉजी (O-SMART), “पोलर साइंस एंड क्रायोस्फीयर रिसर्च (PACER) ), सिस्मोलॉजी एंड जियोसाइंस (SAGE) तथा “रिसर्च, एजुकेशन, ट्रेनिंग एंड आउटरीच (REACHOUT)”।

योजना का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी प्रणाली और परिवर्तन के महत्वपूर्ण संकेतों को रिकॉर्ड करने के लिए वायुमंडल, महासागर, भूमंडल, क्रायोस्फीयर और ठोस पृथ्वी के दीर्घकालिक ऑब्ज़र्वेशन का विस्तार और निरंतरता है।

गौरतलब है कि पृथ्वी प्रणाली विज्ञान (Earth System Sciences) में पृथ्वी प्रणाली के सभी पांच घटकों से संबंधित है। ये पांच घटक हैं; वायुमंडल, जलमंडल, भूमंडल, क्रायोस्फीयर, और जीवमंडल और उनकी जटिल इंटरेक्शन।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) पृथ्वी प्रणाली विज्ञान से संबंधित सभी पहलुओं से जुड़े मामलों को देखता है।  

PRITHVI योजना पृथ्वी प्रणाली विज्ञान की समझ में सुधार लाने और देश के लिए विश्वसनीय सेवाएं प्रदान करने के लिए पृथ्वी प्रणाली के सभी पांच घटकों को समग्र रूप से अध्ययन करना है। 

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