राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF) विधेयक, 2023 को संसद में पेश करने की मंजूरी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 28 जून 2023 को राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (National Research Foundation: NRF) विधेयक, 2023 को संसद में पेश करने की स्वीकृति दे दी।
राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF)
यह विधेयक राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF) की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह फाउंडेशन अनुसंधान एवं विकास का बीजारोपण करेगा तथा उसे विकसित एवं प्रोत्साहित करेगा और देशभर के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों तथा अनुसंधान एवं विकास योगशालाओं में अनुसंधान एवं नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देगा।
यह विधेयक राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के अनुरूप देश में वैज्ञानिक अनुसंधान को उच्चस्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए NRF नाम की एक शीर्ष निकाय की स्थापना करेगा। इस शीर्ष निकाय की कुल अनुमानित लागत पांच वर्षों की अवधि (2023-28) के दौरान 50,000 करोड़ रुपये होगी।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग NRF का प्रशासनिक विभाग होगा जो एक शासी बोर्ड (गवर्निंग बोर्ड) द्वारा शासित होगा और इस बोर्ड में विभिन्न विषयों से संबंधित प्रख्यात शोधकर्ता और पेशेवर शामिल होंगे।
प्रधानमंत्री इस बोर्ड के पदेन अध्यक्ष होंगे और केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री तथा केन्द्रीय शिक्षा मंत्री पदेन उपाध्यक्ष होंगे।
NRF का कामकाज भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता में एक कार्यकारी परिषद द्वारा प्रशासित होगा।
NRF उद्योग एवं शिक्षा जगत तथा सरकारी विभागों व अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग स्थापित करेगा और वैज्ञानिक एवं संबंधित मंत्रालयों के अलावा विभिन्न उद्योगों और राज्य सरकारों की भागीदारी व योगदान के लिए एक इंटरफेस तंत्र तैयार करेगा। यह एक ऐसी नीतिगत रूपरेखा बनाने और नियामक प्रक्रियाओं को स्थापित करने पर ध्यान केन्द्रित करेगा जो अनुसंधान एवं विकास पर उद्योग जगत द्वारा सहयोग और बढ़े हुए व्यय को प्रोत्साहित कर सके।
यह विधेयक 2008 में संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित विज्ञान और इंजीनियरी अनुसंधान बोर्ड (SERB) को भी निरस्त कर देगा और इसे NRF में सम्मिलित कर देगा, जिसका एक विस्तृत दायरा है और जो एसईआरबी की गतिविधियों के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों को भी कवर करता है।