केंद्रीय मंत्रिमंडल ने “सिटी इनवेस्टमेंट टू इनोवेट, इंटीग्रेट एंड सस्टेन 2.0 (CITIIS 2.0) कार्यक्रम को मंजूरी दी
प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने “सिटी इनवेस्टमेंट टू इनोवेट, इंटीग्रेट एंड सस्टेन 2.0 (सिटीज 2.0/CITIIS 2.0) कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है।
CITIIS 2.0, आवासनऔर शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा फ्रांसीसी विकास एजेंसी (AFD), Kreditanstalt für Wiederaufbau (KfW), यूरोपीय संघ (EU) और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ अर्बन अफेयर्स (NIUA) के साथ साझेदारी में शुरू की गयी है।
यह कार्यक्रम चार साल की अवधि (2023 से 2027) के लिए है।
CITIIS 2.0: मुख्य विशेषताएं
इस कार्यक्रम के तहत सर्कुलर इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक रूप से चयनित परियोजनाओं को सहायता दी जायेगी।
इन परियोजनाओं में शहर स्तर पर एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन, राज्य स्तर पर जलवायु अनुकूल सुधार कार्य और राष्ट्रीय स्तर पर संस्थाओं को मजबूती और ज्ञान का प्रसार शामिल हैं। CITIIS 2.0 के लिए वित्त पोषण में AFD और KfW 1760 करोड़ रुपये का ऋण और EU से 106 करोड़ रुपये का तकनीकी सहायता अनुदान शामिल होगा। (EUR 12 मिलियन) ।
CITIIS 2.0 का उद्देश्य CITIIS 1.0 की सीख और सफलताओं का लाभ उठाना और उन्हें आगे बढ़ाना है। बता दें कि CITIIS 1.0 को 2018 में MoHUA, AFD, EU और NIUA द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया था।
CITIIS 2.0 के तीन प्रमुख घटक हैं:
घटक 1: एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान देने के साथ सर्कुलर इकॉनमी को बढ़ावा देने वाली प्रतिस्पर्धी रूप से चयनित परियोजनाओं के चयन के माध्यम से 18 स्मार्ट शहरों में क्लाइमेट रेसिलिएंट, एडेप्टेशन और मिटिगेशन के निर्माण पर केंद्रित परियोजनाओं के विकास के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता।
घटक 2: सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश मांग के आधार पर सहायता के पात्र होंगे। राज्यों को राज्य जलवायु केंद्रों/जलवायु सेल/समान केंद्रों की स्थापना/मजबूत करने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी
घटक 3: केंद्र, राज्य और शहर स्तर पर संस्थाओं को मजबूत करने, ज्ञान प्रसार इत्यादि के माध्यम से शहरी भारत में क्लाइमेट गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए सहायता दी जायेगी।