महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को ड्रोन प्रदान करने के लिए सेंट्रल सेक्टर स्कीम
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को ड्रोन प्रदान करने के लिए वर्ष 2024-25 से 2025-26 की अवधि के लिए 1261 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्रीय क्षेत्र की योजना को मंजूरी दी है।
इस योजना का लक्ष्य वर्ष 2023-24 से 2025-2026 की अवधि के दौरान किसानों को कृषि उद्देश्यों के लिए किराये की सेवाएं प्रदान करने के लिए 15,000 चयनित महिला SHG को ड्रोन प्रदान करना है।
यह योजना महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को सशक्त बनाने और ड्रोन सेवाओं के माध्यम से कृषि क्षेत्र में नई तकनीकें लाने का प्रयास करती है।
यह योजना कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और उर्वरक विभाग, महिला एसएचजी और प्रमुख उर्वरक कंपनियों (LFCs) के संसाधनों और प्रयासों को एकत्रित करके समग्र हस्तक्षेपों को मंजूरी देती है।
महिला SHG के सदस्यों में से एक, जो पूर्णतया योग्य हो, जिसकी आयु 18 वर्ष और उससे अधिक हो, उसे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (SRLM) और LFC द्वारा 15 दिवसीय प्रशिक्षण के लिए चुना जाएगा।
LFC एसएचजी के साथ ड्रोन द्वारा नैनो उर्वरकों जैसे नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के उपयोग को भी बढ़ावा देगा। एसएचजी नैनो उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए किसानों को ड्रोन सेवाएं किराए पर देंगे।
योजना के तहत अनुमोदित पहल के जरिए 15,000 SHG को टिकाऊ व्यवसाय और आजीविका सहायता प्रदान किए जाने और उनके द्वारा प्रतिवर्ष कम से कम एक लाख रुपये की अतिरिक्त आय अर्जित करने में सक्षम होने की परिकल्पना की गई है ।