कैबिनेट ने भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) के निर्माण को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गगनयान कार्यक्रम के दायरे का विस्तार करते हुए भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (Bharatiya Anatriksh Station: BAS) की पहली यूनिट के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इसका मतलब है कि भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण भी गगणयान कार्यक्रम का हिस्सा होगा।

कैबिनेट द्वारा भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS-1) के पहले मॉड्यूल के विकास और BAS के निर्माण और संचालन के लिए विभिन्न प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन और सत्यापन करने के लिए मिशन शुरू करने की मंजूरी दी गई है।

BAS और पूर्ववर्ती मिशनों के लिए नए विकास और चल रहे गगनयान कार्यक्रम को पूरा करने के लिए अतिरिक्त मानवरहित मिशन और अतिरिक्त हार्डवेयर आवश्यकता को शामिल करने के लिए गगनयान कार्यक्रम में संशोधन किया गया है।

अब प्रौद्योगिकी विकास और प्रदर्शन का मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम आठ मिशनों के माध्यम से BAS-1 की पहली यूनिट को लॉन्च करके दिसंबर 2028 तक पूरा किया जाना है।

भारत सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक विस्तारित अप्रोच का फ्रेमवर्क तैयार किया है, जिसमें 2035 तक एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन) और 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय लैंडिंग का लक्ष्य रखा गया है।

इस अप्रोच को साकार करने के लिए, अंतरिक्ष परिवहन और बुनियादी ढाँचे की क्षमताओं के विकास सहित गगनयान और चंद्रयान फॉलो मिशनों की एक सीरीज लॉन्च की जायेगी ।

पहले से स्वीकृत कार्यक्रम में ₹11170 करोड़ के शुद्ध अतिरिक्त वित्त पोषण के साथ, संशोधित दायरे के साथ गगनयान कार्यक्रम के लिए कुल वित्त पोषण को बढ़ाकर ₹20193 करोड़ कर दिया गया है।

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