वैज्ञानिकों ने ब्राउन ड्वार्फ के मौसम की मैप बनाने में सफलता प्राप्त की

खगोलविदों की एक टीम ने ब्राउन ड्वार्फ (brown dwarf) की एक जोड़ी पर मौसम की स्थिति का मैप बनाने के लिए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) का उपयोग किया है। इन पिंडों से इंफ्रारेड लाइट का विश्लेषण किया गया और समय के साथ इसमें बदलाव को मापा गया।

रिसर्च टीम ने इनके मौसम की 3D तस्वीर बनाने में सफलता प्राप्त की और इनके वायुमंडल में जल वाष्प, मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसों की खोज की।

बता दें कि ब्राउन ड्वार्फ न तो कोई तारा है और न ही कोई ग्रह, बल्कि दोनों के बीच की विशेषता वाले खगोलीय पिंड है। उन पर इतनी अधिक गर्मी है कि वे अपना प्रकाश स्वयं खो देते हैं। इस वजह से वे तारा यानी स्टार नहीं हैं कि क्योंकि स्टार अपना प्रकाश खुद उत्पन्न करते हैं जैसे कि हमारा सूर्य।

ब्राउन ड्वार्फ पिंडों का आकार बृहस्पति जैसे विशाल ग्रह और एक छोटे तारे के बीच होता है। वास्तव में, अधिकांश खगोलविद बृहस्पति के द्रव्यमान से 15 गुना और बृहस्पति के द्रव्यमान से 75 गुना के बीच किसी भी खगोलीय पिंड को ब्राउन ड्वार्फ मानते हैं।

उनके पास कोर में निरंतर हाइड्रोजन संलयन जारी रखने के लिए पर्याप्त द्रव्यमान नहीं है, लेकिन अवशिष्ट गर्मी तथा ड्यूटेरियम और लिथियम के संलयन के कारण वे इंफ्रारेड विकिरण उत्सर्जित करते हैं।

कई वैज्ञानिकों ने ब्राउन ड्वार्फ  को “विफल तारे” कहते हैं। अब तक खोजे गए सभी ब्राउन ड्वार्फ एक बाइनरी सिस्टम के हिस्से हैं। एक बाइनरी सिस्टम वह होता है जिसमें दो तारे एक दूसरे के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।

गौरतलब है कि प्लेनेट यानी ग्रह परावर्तित प्रकाश से चमकते हैं; तबकी स्टार यानी तारे अपना स्वयं का प्रकाश उत्पन्न करके चमकते हैं।

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