लूला डी सिल्वा-तीसरी बार बनेंगे ब्राजील के राष्ट्रपति
लुइज़ इनासियो “लूला” दा सिल्वा (Luiz Inácio “Lula” da Silva) ब्राजील के अगले राष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्होंने लगभग 50.9% वोट हासिल करके राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की। मौजूदा राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो को 49.1 प्रतिशत वोट मिले।
मुख्य तथ्य
- लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ने वह उपलब्धि हासिल की है जो देश के 34 साल पुराने लोकतांत्रिक इतिहास में कभी नहीं हुआ – अर्थात पदासीन राष्ट्रपति को पराजित किया।
- लूला ने आखिरी बार 2003-2010 तक ब्राजील के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था। वर्ष 2003 और 2010 के बीच लगातार दो बार ब्राजील पर शासन करने के बाद यह उनका तीसरा कार्यकाल होगा।
- हालांकि लूला अपनी को दागदार छवि से भी निपटना होगा। उन्हें कार वॉश मामले में भ्रष्टाचार का दोषी पाए जाने के बाद, लगभग दो साल की जेल की सजा हुई थी। हालांकि बाद में देश के सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय सुनाया कि अभियोजन पक्ष और न्यायपालिका के बीच मिलीभगत की वजह से लूला को जेल जाना पड़ा था, इसलिए उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था। इस वजह से वे फिर से राष्ट्रपति के उम्मीदवार हो सके।
लुइज़ इनासियो “लूला” दा सिल्वा के बारे में
- लुइज़ इनासियो “लूला” दा सिल्वा ब्राज़ील के शुष्क उत्तरपूर्वी राज्य पेरनामबुको में अनपढ़ किसान के परिवार में पैदा हुए थे और वे आठ संतानों में से सातवें थे। जब वह सात साल के थे, तो उनका परिवार साओ पाउलो प्रवास कर गया।
- लूला ने 14 साल की छोटी उम्र में मेटलवर्कर बनने से पहले जूता पर पॉलिश करने का काम किया और मूंगफली बेचे। 1960 के दशक में, एक फैक्ट्री में काम करते वक्त एक उंगली खो दी।
- बाद में वे ट्रेड यूनियन के नेता बने और 1970 के दशक में कई बड़े हड़तालों का नेतृत्व किया और तत्कालीन सैन्य तानाशाही को चुनौती दी।
- 1980 में, उन्होंने वर्कर्स पार्टी की सह-स्थापना की। लूला ने 1989 से 1998 तक तीन बार राष्ट्रपति पद के लिए लड़ा पर हर बार हार का सामना करना पड़ा। अंत में 2002 के राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें विजय हासिल हुई। चार साल फिर वे फिर से चुने गए।
- डा सिल्वा को अपने 2003-2010 के दो कार्यकाल के दौरान एक व्यापक सामाजिक कल्याण कार्यक्रम चलने का श्रेय दिया जाता है, जिसकी वजह से लाखों लोग गरीबी से निकलकर मध्यम वर्ग में आ गए। ब्राज़ील में इकनोमिक बूम का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है।
- हालाँकि उनके प्रशासन को भ्रष्टाचार में संलिप्तता के लिए भी याद किया जाता है। वर्ष 2018 में डा सिल्वा को भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 580 दिनों की जेल की सजा हुई थी। उनकी सजा को बाद में ब्राजील की शीर्ष अदालत ने रद्द कर दिया, जिसने फैसला सुनाया कि पीठासीन न्यायाधीश पक्षपाती थे और अभियोजकों के साथ मिले हुए थे।
- लुइज़ इनासियो “लूला” दा सिल्वा अब तीसरी बार ब्राज़ील के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं लेकिन इस बार चुनौती काफी बड़ी है।