IIT-गुवाहाटी ने BRAHMA-2D विकसित किया
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-गुवाहाटी (IIT Guwahati) ने कहा है कि उसके एक शोध दल ने ब्रह्मपुत्र जैसी बड़ी नदियों के अपवाह को मापने और नदी तट के संरक्षण हेतु उपाय करते समय इंजीनियरों की मदद करने के लिए एक गणितीय मॉडल विकसित किया है।
BRAHMA-2D (ब्रेडेड रिवर एड: हाइड्रो-मॉर्फोलॉजिकल एनालाइज़र) नामक स्वदेशी रिवर मॉडल नदी तट के कटाव को रोकने के लिए स्पर, रेवरेंट और अन्य नदी तट संरक्षण उपायों जैसे टिकाऊ हाइड्रोलिक संरचनाओं के डिजाइन में सहायक हो सकता है।
गौरतलब है कि बाढ़ और कटाव नियंत्रण, कृषि और जल आपूर्ति सेवन डिजाइन और जीरो हेड एनर्जी उत्पादन के लिए गहराई में नदी के प्रवाह के अंतर का पूर्वानुमान करना आवश्यक है।
असम जैसे बाढ़-संकट वाले राज्य में नदी तट का कटाव एक गंभीर समस्या है, जहाँ ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियाँ लगभग हर साल बाढ़ के दौरान तबाही मचाती हैं।
BRAHMA-2D पानी की गति के टू-डायमेंशनल मॉडल को एन्ट्रापी नमक एक सिद्धांत के साथ एकीकृत करता है। एन्ट्रोपी डिसऑर्डर या रैन्डम्नस के माप के बारे में है।
BRAHMA-2D मॉडल को ब्रह्मपुत्र बोर्ड की मदद से विकसित किया गया था। इसे असम में माजुली द्वीप के पास ब्रह्मपुत्र नदी पर सफलतापूर्वक वैलिडेट किया गया, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ताजे पानी का नदी द्वीप है, जहां नदी तट के कटाव का खतरा अधिक है।