BioRRAP: बायोटेक शोधकर्ताओं और स्टार्ट-अप्स के लिए एकल राष्ट्रीय पोर्टल
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 22 मई 2022 को बायोटेक शोधकर्ताओं और स्टार्ट-अप्स के लिए एकल राष्ट्रीय पोर्टल BioRRAP लॉन्च किया। यह पोर्टल ‘’BioRRAP’’ ((Biological Research Regulatory Approval Portal) देश में जैविक अनुसंधान और विकास गतिविधियों के लिए नियामक अनुमोदन की मांग करने वाले सभी लोगों की जरूरत पूरी करेगा और इस प्रकार ‘’ईज ऑफ साइंस के साथ-साथ ईज ऑफ बिजनेस’’ के लिए भी एक बड़ी राहत प्रदान करेगा।
BioRRAP के बारे में
- बायोलॉजिकल रिसर्च रेगुलेटरी अप्रूवल पोर्टल (BioRRAP) लॉन्च करने के बाद डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा भारत एक वैश्विक बायो-मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर अग्रसर है और यह 2025 तक दुनिया के शीर्ष 5 देशों में शामिल हो जाएगा।
- यह पोर्टल हितधारकों को एक विशिष्ट BioRRAP ID के माध्यम से किसी विशेष उपयोग के लिए दी गई मंजूरी को भी अनुमति प्रदान करेगा।
- जैव-प्रौद्योगिकी तेजी से भारत में युवाओं के लिए अकादमिक और आजीविका के साधन के रूप में उभर रही है। वर्तमान में देश में 2700 से अधिक बायोटेक स्टार्ट-अप्स और 2500 से अधिक बायोटेक कंपनियां काम कर रही हैं।
- यह पोर्टल अंतरविभागीय तालमेल को मजबूत करेगा और जैविक अनुसंधान के विभिन्न पहलुओं को नियंत्रित करने तथा उनके लिए अनुमति प्रदान करने वाली एजेंसियों के कामकाज में जवाबदेही, पारदर्शिता और प्रभावकारिता का समावेश करेगा।
- BioRRAP पोर्टल पर जमा किए गए सभी शोध उपयोग के लिए BioRRAP आईडी बनाता है और इस आईडी का उपयोग करके संबंधित नियामक एजेंसियों को आगे आवेदन जमा करने की प्रक्रिया शुरू करनी है।
- यह पोर्टल केवल शोध संबंधी गतिविधियों के लिए समर्पित है न कि उत्पाद विकास के लिए।
भारत की GDP में जैव अर्थव्यवस्था (Bio Economy) का योगदान
- भारत विश्व स्तर पर जैव प्रौद्योगिकी के 12 शीर्ष गंतव्यों में से एक है और यह एशिया प्रशांत क्षेत्र में तीसरा सबसे बड़ा जैव प्रौद्योगिकी गंतव्य है।
- वर्ष 2025 तक वैश्विक जैव प्रौद्योगिकी बाजार में भारतीय जैव प्रौद्योगिकी उद्योग का योगदान बढ़कर 19 प्रतिशत होने की उम्मीद है जो 2017 में केवल तीन प्रतिशत था।
- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में जैव अर्थव्यवस्था (Bio Economy) का योगदान में भी लगातार वृद्धि हो रही है और यह पिछले वर्षों में बढकर 2020 में 2.7 प्रतिशत हो गया जो 2017 में केवल 1.7 प्रतिशत था। वर्ष 2047 के शताब्दी वर्ष में यह 25 वर्षों की जैव-अर्थव्यवस्था यात्रा के बाद नई ऊंचाइयों पर पहुंच जाएगा।
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