24वां शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन अस्ताना में आयोजित हुआ
शंघाई सहयोग संगठन राष्ट्राध्यक्ष परिषद (SCO शिखर सम्मेलन) की 24वीं बैठक 04 जुलाई 2024 को कजाकिस्तान की अध्यक्षता में अस्ताना में आयोजित की गई।
बेलारूस शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का 10वां सदस्य देश बन गया है।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शिखर सम्मेलन के लिए अस्ताना में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, क्योंकि प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के बारे में
शंघाई सहयोग संगठन (SCO ) का गठन 2001 में हुआ था। यह शंघाई फाइव से विकसित हुआ था, जिसमें रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और चीन शामिल थे।
2001 में, उज्बेकिस्तान के जुड़ने के साथ, शंघाई फाइव SCO बन गया तथा व्यापार, कनेक्टिविटी, पर्यटन आदि को शामिल करते हुए सहयोग का दायरा बढ़ा।
भारत 2017 में पाकिस्तान के साथ शंघाई में शामिल हुआ। भारत, ईरान, कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान इसके पूर्ण सदस्य हैं। इस वर्ष बेलारूस को पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया गया।
अफगानिस्तान और मंगोलिया पर्यवेक्षक हैं। अजरबैजान, आर्मेनिया, बहरीन, कंबोडिया, मिस्र, कुवैत, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, तुर्की और यूएई को संवाद भागीदार का दर्जा प्राप्त है।
भारत के लिए SCO का महत्व
SCO उन कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक है जो सुरक्षा मुद्दों से निपटते हैं और जिनमें मुख्य रूप से एशियाई सदस्य हैं।
SCO की सदस्यता भारत को एक ऐसे मंच में भाग लेने की अनुमति देती है जो मध्य एशियाई देशों के साथ सहयोग के अपने दायरे को बढ़ाता है, जिनके 1991 के बाद से भारत के साथ विशेष रूप से घनिष्ठ संबंध नहीं रहे हैं।
SCO आम सुरक्षा मुद्दों पर क्षेत्र के प्रमुख देशों के साथ संचार बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
SCO का रीजनल एंटी-टेरोरिस्ट स्ट्रक्चर (RATS) आतंकवाद-रोधी कार्रवाइयों की तैयारी में सदस्यों की सहायता करता है, सदस्य देशों से आने वाली महत्वपूर्ण खुफिया सूचनाओं का विश्लेषण करता है और आतंकवादी गतिविधियों और मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में जानकारी साझा करता है।
SCO में भारत की प्राथमिकताएँ प्रधानमंत्री के ‘सिक्योर’ SCO (SECURE SCO) की एप्रोच से प्रेरितहैं। सिक्योर का मतलब है सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, संपर्क, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण संरक्षण।
भारत ने SCO की अपनी पहली अध्यक्षता के तहत 04 जुलाई 2023 को वर्चुअल प्रारूप में SCO परिषद के राष्ट्राध्यक्षों की 23वीं बैठक की मेजबानी की।