एशिया प्रशांत सड़क दुर्घटना डेटा (APRAD) बेस प्रोजेक्ट
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं -2022’ शीर्षक से रिपोर्ट जारी की गई। यह वार्षिक रिपोर्ट राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों से प्राप्त डेटा पर आधारित है।
इन डेटा को “एशिया प्रशांत सड़क दुर्घटना डेटा (Asia Pacific Road Accident Data: APRAD) बेस प्रोजेक्ट के तहत एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UNESCAP) द्वारा प्रदान किए गए मानकीकृत प्रारूपों में कैलेंडर वर्ष के आधार पर एकत्र किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2022 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 1,68,491 लोगों की जान चली गई और 4,43,366 लोग घायल हो गए।
पिछले वर्ष की तुलना में दुर्घटनाओं में 11.9%, दुर्घटना से मृत्यु में 9.4% की वृद्धि हुई है।
सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर (22,595 यानी, 13.4%) है, इसके बाद तमिलनाडु (17,884 यानी, 10.6%) है।
2022 के दौरान सड़क हादसे के शिकार 66.5 प्रतिशत लोग 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के युवा थे। सड़क दुर्घटना में लगभग 68% मौतें ग्रामीण क्षेत्रों में हुईं, जबकि शहरी क्षेत्रों में देश में कुल दुर्घटना मौतों में से 32% मौतें हुईं।
भारतीय सड़कों पर ओवर स्पीडिंग सबसे बड़ी जानलेवा बनी हुई है। 2022 में हुई लगभग 75 प्रतिशत दुर्घटनाओं का कारण यही है। बुनियादी सड़क सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन के कारण पिछले वर्ष भारत में लगभग 70,000 लोग मारे गए।