अरविंद पनगढ़िया 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किए गए
भारत सरकार ने नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अरविंद पनगढ़िया (Arvind Panagariya) को 16वें वित्त आयोग (16th Finance Commission) का अध्यक्ष नियुक्त किया है।
अरविंद पनगढ़िया, वर्तमान में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर और कोलंबिया विश्वविद्यालय में इंडियन पॉलिटिकल इकॉनमी के जगदीश भगवती प्रोफेसर हैं। वे जनवरी 2015 से अगस्त 2017 तक नीति आयोग के पहले अध्यक्ष के रूप में कार्य किये थे। इस अवधि के दौरान, उन्हें भारत के जी20 शेरपा के रूप में भी नियुक्त किया गया था।
ऋत्विक रंजनम पांडे को आयोग का सचिव नियुक्त किया गया है।
वित्त आयोग का गठन भारत के संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत किया जाता है।
पनगढ़िया के नेतृत्व में आयोग को 31 अक्टूबर, 2025 तक अपनी रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है। यह रिपोर्ट 1 अप्रैल, 2026 से पांच साल की अवधि के लिए होगी।
16वें वित्त आयोग निम्नलिखित मामलों पर सिफारिशें करेगा: –
- (i) संघ और राज्यों के बीच करों की निवल आय का वितरण, जो संविधान के भाग XII के तहत अध्याय I के तहत उनके बीच विभाजित किया जाना है, या किया जा सकता है और ऐसी आय के संबंधित हिस्सेदारी का राज्यों के बीच आवंटन;
- (ii) अनुच्छेद 275 के तहत भारत की संचित निधि से राज्यों को राजस्व की सहायता अनुदान और राज्यों को उनके राजस्व की सहायता अनुदान के माध्यम से भुगतान की जाने वाली राशि के लिए सिद्धांत निर्धारित करना; और
- (iii) राज्य के वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर राज्य में पंचायतों और नगर पालिकाओं के संसाधनों के पूरक के लिए राज्य की संचित निधि को बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय।
गौरतलब है कि 15वें वित्त आयोग का गठन 27 नवंबर 2017 को एन के सिंह की अध्यक्षता में किया गया था। आयोग ने 2020-21 से 2025-26 तक छह साल की अवधि के लिए अपनी सिफारिशें दीं थीं।