रामबाग गेट-प्राचीर, पीपल हवेली और चर्च ऑफ एपीफेनी को मिला यूनेस्को पुरस्कार

पंजाब और हरियाणा की तीन हेरिटेज प्रोजेक्ट्स को यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कारों से सम्मानित किया गया हैं। पुरस्कृत विरासत परियोजनाएं हैं; अमृतसर में रामबाग गेट और प्राचीर (Rambagh Gate & Ramparts), गुरदासपुर में पीपल हवेली (Pipal Haveli) और गुरुग्राम में चर्च ऑफ एपीफेनी (Church of Epiphany) ने सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किये हैं।

रामबाग गेट और रैम्पर्ट्स परियोजना को इसकी समावेशिता और व्यापक समुदाय तक पहुंच के लिए सर्वोच्च सम्मान, ‘उत्कृष्टता पुरस्कार’ (Award of Excellence) मिला। चर्च ऑफ एपिफेनी और बीकानेर हाउस सहित तीन परियोजनाओं को ‘अवार्ड ऑफ मेरिट’ प्राप्त हुआ।

रामबाग गेट और प्राचीर महाराजा रणजीत सिंह की 19वीं सदी की शहर की दीवार और अमृतसर के नए शहर के संगम पर स्थित है, जिसका बड़ी सावधानीसे नवीनीकरण किया गया है।  

यह राम बाग गेट महाराजा रणजीत सिंह ने बनवाया था। यह पुरस्कार गेट को विरासत संरक्षण के लिए प्रदान किया गया है। इसे महाराजा रणजीत सिंह ने अपने समर पैलेस और श्री हरमंदिर साहिब जाने वाले रास्ते में बनवाया था।

1823 में बनाए गए इस गेट से ही महाराजा रणजीत सिंह पैदल श्री हरमंदिर साहिब माथा टेकने जाते थे।

पीपल हवेली संघा परिवार से संबंधित है, जिन्होंने लगन से अपनी पैतृक संपत्ति का जीर्णोद्धार और संरक्षण किया। इसके अलावा, इस गांव को इस साल सितंबर में पंजाब के पर्यटन मंत्रालय से “सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव” का पुरस्कार मिला। 

गुरुग्राम में चर्च ऑफ एपीफेनी  प्रोटेस्टेंट समूह के अनुयायियों का प्रार्थना स्थल है। 

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