अर्जेंटीना ने ब्रिक्स समूह (BRICS) में शामिल होने का निमंत्रण अस्वीकार किया

अर्जेंटीना के नए धुर दक्षिणपंथी पॉपुलिस्ट राष्ट्रपति जेवियर माइली ने औपचारिक रूप से घोषणा की है कि उनका देश विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के ब्रिक्स समूह (BRICS) में शामिल नहीं होगा।

ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं को संबोधित एक पत्र में माइली ने कहा कि अर्जेंटीना के लिए पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होने का यह समय “उपयुक्त” नहीं है।

गौरतलब है कि अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है और नया राष्ट्रपति उसमें व्यापक बदलाव ला रहे हैं। अर्जेंटीना में पारंपरिक राजनीतिक दलों को करारी हार का सामना करने के बाद दिसंबर में माइली ने पदभार संभाला।

अपने चुनाव प्रचार के दौरान माइली ने ब्रिक्स में शामिल नहीं होने की कसम खाई थी। उन्होंने अमेरिका और इजरायल के प्रति भी अपना समर्थन जताया था।

BRIC शब्द 2001 में अर्थशास्त्री जिम ओ’नील द्वारा दिया गया था, फिर गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक द्वारा।

इस शब्द के पीछे मुख्य उद्देश्य ब्राजील, रूस, भारत और चीन में मजबूत आर्थिक विकास दर को रेखांकित करना था।

इस शब्द को निवेशकों के लिए एक आशावादी परिदृश्य के रूप में देखा गया था।

BRIC क्लब ने 2009 में अपना पहला लीडर्स समिट आयोजित किया।

बाद में, एक साल बाद दक्षिण अफ्रीका इस समूह में शामिल हो गया। इससे ब्रिक समूह ब्रिक्स में बदल गया।

अर्जेंटीना, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात सहित 6 देशों को शामिल करने की घोषणा 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी होने वाली थी। हालांकि, माइली के राष्ट्रपति बनने के बाद अर्जेंटीना ने अपना नाम वापस ले लिया। इसलिए अब नए 5 देश ही इसमें शामिल होंगे। 

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