सोमेश्वर में राजा कुलशेखर अलुपेंद्र प्रथम की मृत्यु की घोषणा करने वाले शिलालेख की खोज
पुरातत्वविदों ने कर्नाटक के मंगलुरु के पास सोमेश्वर में हाल ही में पुरातात्विक अन्वेषण के दौरान क्षेत्र के अलुपा राजवंश (Alupa dynasty) से जुड़े एक दुर्लभ शिलालेख की खोज की है।
अलुपा राजवंश
शिलालेख अलुपा राजवंश का ऐसा पहला रिकॉर्ड है जिसमें एक राजा की मृत्यु की घोषणा की गई है और सिरी पंथ (Siri cult) से संबंधित शब्दों का भी उल्लेख किया गया था, जैसे सिरी, दल्या और चतरा (चतरा)। सिरी तुलु लोगों के संरक्षक देवता हैं।
तुलुवा इतिहास और संस्कृति के अध्ययन में सोमेश्वर शिलालेख बहुत महत्वपूर्ण है।
सोमा पंथ (Soma cult)
सोमा पंथ (Soma cult) की स्थापना 11वीं शताब्दी में गुजरात के सोमा शर्मा ने की थी और यह पूरे देश में फैल गया।
सोमेश्वर में सोमेश्वर मंदिर (Someshwara temple) कुलशेखर अलुपेंद्र (Kulashekara Alupendra) के समय में सोम के सम्मान में बनाया गया था और नव दुर्गाओं से सुसज्जित था।
कुलशेखर अलुपेंद्र
कुलशेखर अलुपेंद्र के सम्मान में संरचना के निर्माण के लिए केशव नामक व्यक्ति को श्रेय दिया जाता है।
एक शिलालेख में अलुपेंद्र प्रथम की मृत्यु की घोषणा की गई है। कुलशेखर अलुपेंद्र प्रथम दक्षिण केनरा के अलुपा राजवंश का एक प्रसिद्ध शासक था।
वह मंगलुरु में कुलशेखरा नामक नए शहर की स्थापना के लिए जिम्मेदार था। उन्होंने मंदिर प्रशासन के लिए सख्त नियम और कानून भी बनाए, जिनका पालन आज भी इस क्षेत्र के सभी मंदिरों में किया जाता है।
वह मंगलुरु और बरकुरु, दोनों राजधानियों पर शासन करते हुए तुलु भाषा और संस्कृति को शाही संरक्षण देने वाले पहले शासक थे।