एंटीमैटर (Antimatter) भी ग्रैविटी में समान व्यवहार करता है-सर्न प्रयोग की पुष्टि
CERN के वैज्ञानिकों ने अल्फा-G एक्सपेरिमेंट के दौरान दिखाया है कि, गुरुत्वाकर्षण का अनुभव करने वाली हर चीज की तरह, एंटीमैटर (antimatter) भी गिराए जाने पर नीचे की ओर गिरता है, ऊपर की ओर नहीं जाता है। यह पहली बार है जब मुक्त रूप से गिरने वाले एंटीमैटर को प्रत्यक्ष रूप से देखा गया है।
आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत (general theory of relativity) की भविष्यवाणी है कि सभी द्रव्यमान (मास), उनकी आंतरिक संरचनाओं में अंतर के बावजूद, गुरुत्वाकर्षण पर समान तरीके से व्यवहार करते हैं।
एंटीमैटर के बारे में
एंटीमैटर एक रहस्यमय पदार्थ है जो ब्रह्मांड की शुरुआत के समय प्रचुर मात्रा में था।
हमारी दुनिया में हर चीज़ पदार्थ यानी मैटर से बनी है, छोटे कणों से जिन्हें परमाणु (atoms) कहा जाता है। सबसे सरल परमाणु हाइड्रोजन है। सूर्य अधिकतर इसी से बना है।
एंटीमैटर पदार्थ यानी मैटर के विपरीत है। दोनों का निर्माण बिग बैंग में समान मात्रा में हुआ था जिससे हमारा ब्रह्मांड बना। एंटीमैटर में परमाणु यानी एटम प्रोटॉन के बजाय एंटीप्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों के बजाय एंटीइलेक्ट्रॉन (पॉज़िट्रॉन) से बने होते हैं।
हालाँकि, मैटर हर जगह है, लेकिन एंटीमैटर को खोजना अब बेहद कठिन है। एंटी-प्रोटॉन मूल रूप से नेगेटिव चार्ज किए गए प्रोटॉन होते हैं (प्रोटॉन कॉमन मैटर एटम में पॉजिटिव होते हैं) और पॉज़िट्रॉन पॉजिटिव चार्ज किए गए इलेक्ट्रॉन होते हैं (इलेक्ट्रॉन कॉमन मैटर एटम में में नेगेटिव होते हैं)।
हाइड्रोजन परमाणु मध्य में धनावेशित प्रोटॉन और उसकी परिक्रमा करने वाले ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन से बना होता है। एंटी-हाइड्रोजन, जो हाइड्रोजन का एंटीमैटर संस्करण है, सर्न प्रयोगों में उपयोग किया जाता है।
इसके बीच में एक नेगेटिव चार्ज वाला प्रोटॉन (एंटीप्रोटॉन) है और इलेक्ट्रॉन का एक पॉजिटिव वर्शन (पॉज़िट्रॉन) इसकी परिक्रमा कर रहा होता है।
अधिकांश एंटीमैटर ब्रह्मांड में क्षणिक रूप से, कुछ सेकंड के लिए ही मौजूद रहते हैं। इसलिए प्रयोगों को अंजाम देने के लिए, सर्न टीम को इसे स्थिर और लंबे समय तक चलने वाले रूप में बनाने की आवश्यकता थी।