अमृत धरोहर और मिष्टी (MISHTI) योजनाओं की शुरुआत
विश्व पर्यावरण दिवस 2023 के अवसर पर प्रधानमंत्री ने आद्रभूमि तथा मैंग्रोव के संरक्षण से सम्बंधित दो योजनाओं की शुरुआत की। ये दो योजनाएं हैं: “अमृत धरोहर” (Amrit Dharohar) तथा “मैंग्रोव इनिशिएटिव फॉर शोरलाइन हैबिटैट एंड टैंजिबल इनकम” (Mangrove Initiative for Shoreline Habitats and Tangible Incomes: MISHTI)“।
“अमृत धरोहर” (Amrit Dharohar)
भारत सरकार ने रामसर स्थलों के संरक्षण के महत्व को स्वीकार करते हुए रामसर स्थलों के अद्वितीय संरक्षण मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष की बजट घोषणा के हिस्से के रूप में ‘अमृत धरोहर’ पहल की घोषणा की थी।
आर्द्रभूमि इकोसिस्टम के संरक्षण में स्थानीय समुदायों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, “अमृत धरोहर” की कार्यान्वयन रणनीति 5 जून 2023 को प्रारंभ की गई, जो सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से संरक्षण के दर्शन और संरक्षण के माध्यम से समृद्धि के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण है।
मिष्टी (MISHTI)
मिष्टी (MISHTI): मैंग्रोव को बढ़ावा देने तथा संरक्षित रखने के लिए केंद्रीय बजट 2023-24 में “मैंग्रोव इनिशिएटिव फॉर शोरलाइन हैबिटैट एंड टैंजिबल इनकम” (Mangrove Initiative for Shoreline Habitats and Tangible Incomes: MISHTI)” की घोषणा की गई थी ।
मैंग्रोव अद्वितीय, प्राकृतिक इकोसिस्टम है जिनमें बायो-शील्ड के रूप में काम करने के अतिरिक्त बहुत अधिक जैविक उत्पादकता और कार्बन को अलग करने की क्षमता है।
मिष्टी कार्यक्रम 5 जून 2023 को तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सक्रिय भागीदारी के साथ शुरू किया गया।
यह कार्यक्रम पांच वर्षों (2023-2028) में नौ (9) तटीय राज्यों और चार (4) केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 540 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेगा।
यह 4.5 मिलियन टन कार्बन के अनुमानित कार्बन सिंक के साथ लगभग 22.8 मिलियन मानव दिवस सृजित करेगा।
यह प्रकृति पर्यटन और स्थानीय समुदायों के लिए आजीविका क्षमता के लिए संभावित क्षेत्रों का भी निर्माण करेगा।
मैंग्रोव वृक्षारोपण अभियान 75 से अधिक मैंग्रोव स्थलों पर भी आयोजित किया गया। इस अभियान में जन प्रतिनिधियों, स्थानीय लोगों, ग्राम समुदायों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य हितधारकों की वृक्षारोपण गतिविधियों के माध्यम से भागीदारी देखी गई।